/ Nov 10, 2025
All rights reserved with Masterstroke Media Private Limited.
FARIDABAD 300kg EXPLOSIVES: जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस के संयुक्त अभियान में एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया गया है। फरीदाबाद जिले के धौज गांव से करीब 300 किलो आरडीएक्स, एक एके-47 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया। इस मामले में दो कश्मीरी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके खिलाफ जांच एजेंसियों ने आतंक से जुड़े सबूत पाए हैं। इस कार्रवाई से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के पास एक संभावित बड़े हमले को रोका जा सका है।
गिरफ्तार किए गए डॉक्टरों की पहचान डॉ. आदिल अहमद राथर (31 वर्ष, निवासी काजीगुंड, जिला अनंतनाग) और डॉ. मुजाहिल शकील (निवासी पुलवामा) के रूप में हुई है। डॉ. राथर को 6 नवंबर 2025 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया, जहां वे एक निजी अस्पताल में कार्यरत थे। उनकी पूछताछ के बाद फरीदाबाद के धौज गांव में छापेमारी की गई, जहां किराए के मकान से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिली। डॉ. शकील को 30 अक्टूबर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। जांच में दोनों का एक ही नेटवर्क से जुड़ाव सामने आया है।

फरीदाबाद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 360 किलो संदिग्ध पदार्थ बरामद हुआ। प्रारंभिक जांच में यह संभावित रूप से अमोनियम नाइट्रेट जैसा विस्फोटक पदार्थ प्रतीत हो रहा है। अधिकारी ने बताया कि इस बरामदगी के साथ ही कई अन्य सामान जैसे टाइम डिवाइस, बैटरी, चार्जर और कुछ अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक सामग्री भी मिली है, जो विस्फोटक यंत्र तैयार करने में प्रयुक्त हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह सामग्री 2020 से दिसंबर 2022 के बीच की गतिविधियों से जुड़ी हो सकती है, और इस संबंध में जांच अभी जारी है।
मामले की जड़ें जम्मू-कश्मीर से जुड़ी बताई जा रही हैं। पुलिस के अनुसार, जांच 27 अक्टूबर 2025 को श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के समर्थन वाले पोस्टर लगाने की घटना से शुरू हुई थी। इन पोस्टर्स को लगाने का आरोप डॉ. आदिल राथर पर लगा था। 9 नवंबर की शाम को धौज गांव में संयुक्त टीम ने छापा मारा। इस दौरान एक मकान से करीब 300 किलो आरडीएक्स, 14 बैग अमोनियम नाइट्रेट (करीब 100 किलो), 5 लीटर केमिकल सॉल्यूशन, 48 उपकरण जो आईईडी बनाने में इस्तेमाल हो सकते हैं, 84 जिंदा कारतूस और कई टाइमर बरामद किए गए।

जांच में यह भी पता चला कि डॉ. मुजाहिल शकील ने यह मकान तीन महीने पहले किराए पर लिया था। जांच एजेंसियों को शक है कि यह विस्फोटक सामग्री सीमा-पार हैंडलर्स के माध्यम से भारत में पहुंचाई गई थी। अधिकारियों के अनुसार, इसका मकसद उत्तरी भारत के प्रमुख शहरों में बड़े आतंकी हमले करना था। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस कार्रवाई ने एक संभावित विनाशकारी हमले को टाल दिया। दोनों आरोपियों पर आर्म्स एक्ट की धारा 7/25 और यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) की धारा 13, 16, 18, 20, 38 और 39 के तहत केस दर्ज किया गया है।(FARIDABAD 300kg EXPLOSIVES)

संसद का शीतकालीन सत्र 1 से 19 दिसंबर तक, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दी जानकारी
देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज
All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.