/ Sep 19, 2025
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ECI POLITICAL PARTIES DELISTING: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने चुनावी व्यवस्था को साफ-सुथरा और पारदर्शी बनाने के अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए एक और कड़ा कदम उठाया है। आयोग ने 474 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (Registered Unrecognised Political Parties–RUPPs) को सूची से बाहर कर दिया है। इसके अलावा, 359 और दलों के खिलाफ नियमों के उल्लंघन के आधार पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। आयोग का कहना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत और पारदर्शी बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई बेहद जरूरी है।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए के तहत किसी भी राजनीतिक दल का चुनाव आयोग में पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण के बाद दलों को चुनाव चिह्न और कर में छूट जैसी विशेष सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन नियम यह है कि यदि कोई दल लगातार छह वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ता है तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। इसी प्रावधान के तहत आयोग ने उन दलों को सूची से हटाया है जो वर्षों से चुनावी प्रक्रिया से दूर थे और केवल कागजों पर अस्तित्व में थे।
इस प्रक्रिया के पहले चरण में 9 अगस्त 2025 को 334 दलों को सूची से हटा दिया गया था। इसके बाद 18 सितंबर 2025 को दूसरे चरण में 474 और दलों को डीलिस्ट कर दिया गया। इस तरह केवल दो महीनों में कुल 808 आरयूपीपी को सूची से बाहर किया जा चुका है। अब तीसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है जिसमें 359 दलों को चिह्नित किया गया है। इन दलों ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23, 2023-24) की वार्षिक लेखा रिपोर्ट और चुनावी खर्च का ब्यौरा समय पर प्रस्तुत नहीं किया है।
दूसरे चरण में जिन 474 दलों को डीलिस्ट किया गया उनमें सबसे अधिक 121 दल उत्तर प्रदेश से थे। दिल्ली के 40, महाराष्ट्र के 44, तमिलनाडु के 42, पंजाब के 21, गुजरात के 10 और उत्तराखंड के 11 दल भी इसमें शामिल हैं। तीसरे चरण में जिन 359 दलों को नोटिस भेजा गया है, उनमें सबसे ज्यादा 127 उत्तर प्रदेश से, 41 दिल्ली से, 39 तमिलनाडु से और 30 बिहार से हैं। चुनाव आयोग ने संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को निर्देश दिए हैं कि वे इन 359 दलों को नोटिस जारी करें और उन्हें सुनवाई का अवसर दें।
इसके बाद सीईओ की रिपोर्ट के आधार पर अंतिम निर्णय आयोग द्वारा लिया जाएगा। आयोग का कहना है कि किसी भी दल को बिना उचित प्रक्रिया के डीलिस्ट नहीं किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी कि डीलिस्टिंग प्रक्रिया से पहले 2,520 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दल थे। इनमें से अब 2,046 दल बचे हैं। इसके अतिरिक्त, देश में छह राष्ट्रीय स्तर के और 67 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दल मौजूद हैं।
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