/ Apr 18, 2025
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DSSC 80th COURSE: आज यानि 10 अप्रैल 2025 को तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेस स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) में 80वें स्टाफ कोर्स के दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और मित्र देशों के सशस्त्र बल अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की दुनिया में युद्ध सिर्फ जमीन, हवा और समुद्र तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि साइबर, अंतरिक्ष और सूचना के क्षेत्र में भी युद्ध की ताकत तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में होने वाले युद्ध अब पारंपरिक युद्धों जितने ही खतरनाक और प्रभावशाली हो गए हैं, इसलिए सशस्त्र बलों को मिलकर काम करना होगा और हर क्षेत्र में तैयार रहना होगा।
राजनाथ सिंह ने बताया कि आज की वैश्विक परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं और इसका असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी साफ नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि आज की भू-राजनीति को तीन बड़ी बातें बदल रही हैं – राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे ऊपर रखना, तकनीकी बदलावों की तेज लहर और लगातार हो रहा नवाचार। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे इन बदलावों को गंभीरता से समझें और अपनी रणनीतियों में इन्हें शामिल करें, ताकि वे भविष्य की चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपट सकें।
डीएसएससी के 80वें स्टाफ कोर्स में इस बार कुल 479 अधिकारी शामिल हुए हैं, जिनमें भारत के साथ-साथ 26 मित्र देशों के 38 अधिकारी भी हैं। इसके अलावा तीन महिला अधिकारी भी इस कोर्स का हिस्सा हैं। दीक्षांत समारोह से पहले रक्षा मंत्री ने मद्रास रेजिमेंट युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वहां मौजूद पूर्व सैनिकों से बातचीत कर उनके योगदान के लिए आभार जताया। इस कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य लोग भी शामिल हुए।
डिफेंस सर्विसेस स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) की स्थापना साल 1948 में हुई थी। यह एक ऐसा प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है, जहां थल सेना, वायु सेना और नौसेना के मिड-लेवल अधिकारी पेशेवर सैन्य शिक्षा प्राप्त करते हैं। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य अधिकारियों को भविष्य की बड़ी जिम्मेदारियों के लिए तैयार करना है। अब तक इस कॉलेज से 19,000 से ज्यादा भारतीय और 2,000 से अधिक विदेशी अधिकारी प्रशिक्षण ले चुके हैं। इनमें से कई अधिकारी अपने-अपने देशों की सेनाओं में शीर्ष पदों तक पहुंचे हैं और उन्होंने देश-विदेश में अपनी नेतृत्व क्षमता से पहचान बनाई है।
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