/ Aug 07, 2025
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DHARALI DISASTER RESCUE: उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल क्षेत्र में बादल फटने और भूस्खलन से आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। केंद्र और राज्य की सभी एजेंसियां समन्वय के साथ प्रभावित लोगों की मदद में जुटी हुई हैं। मौसम की चुनौतियों के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। इधर, SDRF और ITBP की टीमों ने आर्मी के 11 घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर आईटीबीपी मातली पहुंचाया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से धराली क्षेत्र में आवश्यक खाद्य सामग्री और राहत सामग्री भेजी गई है। राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक सहायता पहुंचाना और सामान्य स्थिति बहाल करना है। सड़क यातायात बहाल करने के लिए भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी पहुंचाई जा रही है। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से 2 चिनूक और 2 एमआई-17 हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए हैं। बचाव कार्य में सेना के 125 अधिकारी और जवान, आईटीबीपी के 83 जवान, बीआरओ के 6 अधिकारी और 100 से अधिक मजदूर बाधित सड़कों को खोलने में जुटे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने घायलों के इलाज के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित कर दिए हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों और मनोचिकित्सकों को भी उत्तरकाशी भेजा गया है ताकि जरूरतमंदों को मानसिक और चिकित्सीय सहायता दी जा सके। इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर बनाए गए हैं। बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल करने के प्रयास जारी हैं, जबकि एनआईएम और एसडीआरएफ लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में लगी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर राहत और बचाव कार्यों की अद्यतन जानकारी ली और केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। इसके अलावा राज्य के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर स्थिति की जानकारी दी और केंद्र से त्वरित मदद की मांग की। प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार हरसंभव मदद करेगी और उन्होंने कहा कि वे खुद इस स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मुलाकात करने वाले सांसदों में अनिल बलूनी, रानी माला राज्य लक्ष्मी शाह, अजय भट्ट और त्रिवेंद्र सिंह रावत शामिल थे।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने राजभवन में शासन, पुलिस, सेना और आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारियों से आपदा के हालात की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खोज, राहत और बचाव कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी। प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि राहत और बचाव टीमों का तेजी से समन्वयन किया गया है, हालांकि खराब मौसम बड़ी बाधा बना हुआ है। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने कहा कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों सहित 300 से अधिक पुलिसकर्मी प्रभावित क्षेत्र में तैनात किए गए हैं।
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