/ Dec 30, 2025
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DEHRADUN TRIPURA STUDENT MURDER: देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में त्रिपुरा के छात्र एंजल चकमा की मौत के मामले में देहरादून पुलिस ने एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी किया है। सोशल मीडिया पर इस घटना को नस्लीय भेदभाव और हिंसा से जोड़कर किए जा रहे दावों के बीच पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट साझा की है। पुलिस का कहना है कि अब तक की विवेचना और सबूतों के आधार पर इस घटना में नस्लीय भेदभाव या हिंसा का कोई भी प्रमाण नहीं मिला है। पुलिस ने बताया कि यह विवाद एक जन्मदिन की पार्टी के दौरान दोस्तों के बीच हंसी-मजाक और गलतफहमी के कारण शुरू हुआ था, जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया।

पुलिस ने नस्लीय भेदभाव के आरोप को खारिज करने के पीछे आरोपियों की पृष्ठभूमि का हवाला दिया है। विवेचना में सामने आया है कि मुख्य आरोपियों में से सूरज ख्वास खुद मणिपुर का निवासी है, जबकि हमला करने वाला एक आरोपी और एक नाबालिग नेपाल के रहने वाले हैं। इसके अलावा दो अन्य आरोपी उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र से ही ताल्लुक रखते हैं। पुलिस का तर्क है कि चूंकि सभी आरोपी और पीड़ित पक्ष पर्वतीय क्षेत्रों से ही हैं, इसलिए इसमें नस्लीय भेदभाव की बात को बल नहीं मिलता। (DEHRADUN TRIPURA STUDENT MURDER)
इस हत्याकांड की जांच में जुटी सेलाकुई पुलिस के हाथ अब भी वह चाकू नहीं लगा है जिससे एंजल चकमा की हत्या की गई थी। हालांकि, पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार पांचों आरोपियों से पूछताछ के आधार पर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। मामले का एक मुख्य आरोपी यज्ञराज अवस्थी, जो नेपाल के कंचनपुर का रहने वाला है, अभी भी फरार है। पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यज्ञराज के नेपाल भागने की आशंका को देखते हुए नेपाल पुलिस से संपर्क साधा गया है और संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने एंजल चकमा के पिता तरुण प्रसाद चकमा से फोन पर बात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का भरोसा दिया। सीएम के निर्देश पर पीड़ित परिवार को एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत आर्थिक सहायता की पहली किस्त के रूप में 4 लाख 12 हजार 500 रुपये की राशि जारी कर दी गई है। जिला प्रशासन ने त्वरित प्रक्रिया अपनाते हुए चेक पीड़ित परिवार को भेज दिया है।
दूसरी ओर, इस घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी किया है। आयोग ने राज्य सरकार से पूछा है कि पूर्वोत्तर के छात्रों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही एंजल चकमा हत्याकांड में अब तक हुई जांच की रिपोर्ट भी तलब की है। आयोग ने चेतावनी दी है कि छात्रों की सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही मानवाधिकारों का उल्लंघन मानी जाएगी। इससे पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग भी मामले का संज्ञान ले चुका है।

देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की मौत, नस्लीय टिप्पणी का विरोध करने पर चाकू से गोदा गया था
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