/ Oct 26, 2024
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DANA CYCLONE: बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘दाना’ ने गुरुवार रात 12:05 बजे ओडिशा के तट को 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टक्कर दी। यह DANA CYCLONE तेजी से तट के करीब पहुंचा और तबाही मचाते हुए ओडिशा के कई इलाकों को प्रभावित किया। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे तक यह लैंडफॉल प्रोसेस पूरी तरह समाप्त हो गई। तूफान की रफ्तार 8 9 घंटों में घटकर 10 किमी प्रति घंटा रह गई। इस चक्रवात के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल में लगातार बारिश हो रही है।
ओडिशा में 5.84 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाते हुए रिलीफ कैंपों में स्थानांतरित कर दिया है। फिलहाल कोलकाता और भुवनेश्वर के हवाईअड्डों पर हवाई सेवा को बहाल कर दिया गया है। कोलकाता से पहली उड़ान शुक्रवार सुबह 8:40 बजे रवाना हुई। रेलवे विभाग ने भी जानकारी दी कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए अधिकांश ट्रेनें समय के अनुसार चल रही हैं, हालांकि कुछ ट्रेनें कैंसिल की गई हैं। इससे पहले गुरुवार शाम 5 बजे से शुक्रवार सुबह 8 बजे तक भुवनेश्वर और कोलकाता हवाई अड्डों पर लगभग 300 उड़ानें रद्द की गईं। कुल 552 ट्रेनें भी रद्द की गईं।
ओडिशा के अलावा DANA CYCLONE का असर पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में भी दिखाई दिया। पश्चिम बंगाल सरकार ने 83 हजार लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ओडिशा में नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स (NDRF), ओडिशा डिजास्टर रिलीफ फोर्स (ODRF) और फायर ब्रिगेड की 288 टीमें तैनात की गई हैं ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटा जा सके। तूफान के कारण प्रभावित पर्यटन स्थलों और ओडिशा हाईकोर्ट को भी बंद कर दिया गया है।
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इस तूफान को ‘दाना’ नाम सऊदी अरब ने दिया है, जिसका अर्थ ‘उदारता’ होता है। तूफानों को एक विशेष नाम तभी दिया जाता है जब हवा की गति 62 किमी प्रति घंटे से अधिक हो जाती है। यदि इस गति की हवा 137 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाती है या उससे आगे बढ़ जाती है, तो इसे चक्रवाती तूफान घोषित किया जाता है। चक्रवाती तूफानों का नामकरण में दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में बने मेट्रोलॉजिकल संगठनों की भूमिका होती है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन और यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पैसिफिक (UNESCAP) के सहयोग से, प्रत्येक क्षेत्र के देशों का एक समूह बनता है।
भारत के आसपास के चक्रवातों का नामकरण भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, कतर, सऊदी अरब और ईरान सहित कुल 13 देश मिलकर करते हैं। इन देशों के पास नामों की एक सूची होती है, जो क्रम के अनुसार इस्तेमाल की जाती है। हर देश अपनी ओर से नामों का सुझाव देता है, और इन्हें आपात स्थिति के अनुसार उपयोग में लाया जाता है। एक बार नाम उपयोग हो जाने के बाद इसे दोबारा नहीं रखा जाता है, जिससे हर तूफान की अपनी एक अलग पहचान बनी रहती है।
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