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क्या कोरोना ने राजनीतिक रैलियों पर लगाया ब्रेक? कई नेताओं के कार्यक्रम टले

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देहरादून/दिल्ली (संवाददाता): कोरोना के बढ़ते मामले देश के 5 राज्यों में इसी साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव पर भी खासा असर डाल रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत सभी दलों की राजनीतिक रैलियों पर कोरोना वायरस ने एक तरह से ब्रेक लगा दिया है। देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भी सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी रैलियों से लोगों के रुझान करने में बेरोकटोक जुटी हैं। इसी बीच भाजपा और कांग्रेस ने अपनी कई रैलियों को टालने का मन बनाया है। देश के सबसे बड़े राज्य यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। वर्चुअल माध्यम से रैलियां कर लोगों को अपने दल के प्रति आकर्षित करने का राजनीतिक पार्टियों के पास यह नई चुनौती के रूप में सामने आई है। भाजपा आईटी सेल से लेकर कांग्रेस आईटी सेल भी अपने अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को एक्टिव कर लोगों तक जुड़ने की तैयारी में जुट गई है।

उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए लखनऊ के डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में 9 जनवरी को होने वाली पीएम मोदी की रैली रद्द कर दी गई है। इस रैली के लिए भाजपा करीब 10 लाख लोगों को जुटाने की तैयारी कर रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब वर्चुअल तरीके से चुनावी रैलियों को संबोधित कर सकते हैं। वैसे, अभी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ की 6 जनवरी को नोएडा में होने वाली सभा को भी कैंसिल कर दिया गया है।

दूसरी ओर उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने भी कोरोना मामलों में बढ़ोत्तरी के कारण अपने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ मैराथन को स्थगित कर दिया है। आने वाले दिनों में नोएडा, वाराणसी और राज्यों के कई अन्य जिलों में 7 से 8 मैराथन की योजना बनाई गई थी। साथ ही प्रियंका गांधी ने यूपी में बड़ी रैली ना करने का प्लान बनाया है। अब यूपी में कांग्रेस बड़ी रैली की जगह छोटी-छोटी जनसभा करेंगी।

अब चुनाव आयोग के ऊपर निगाहे टिकी हैं। खबर थी कि चुनाव आयोग पीएम मोदी की रैली के बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है।
भाजपा के आईटी सेल के संयोजक कामेश्वर मिश्रा ने बताया कि ओमिक्रॉन के बीच भाजपा ने जनता के बीच बने रहने के लिए वर्चुअल और ई-रैली की तैयारी पूरी कर ली है। भाजपा कोरोना की पहली और दूसरी लहर में अपने कार्यकर्ताओं और जनता के बीच वर्चुअल और वेबिनार के माध्यम से अपनी बात नीचे तक पहुंचाती रही है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए भाजपा के वर्चुअल चुनावी आयोजनों के लिए पार्टी की आईटी टीम तैयार कर ली है। वर्चुअल और ई-रैली का पूरा सेटअप तैयार कर दिया गया है। इसके लिए चार हजार कार्यकर्ताओं की टीम हैं जो मंडल स्तर तक इस संसाधन का प्रयोग कर सकते हैं।

देश के 5 राज्यों में होने वाले 2022 चुनाव की जहां सरगर्मियां पूरी जोर-शोर से चल रही हैं। यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में पीएम मोदी की कई रैलियां जनवरी माह में प्रस्तावित हैं, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पीएम मोदी समेत अन्य नेताओं की रैलियों को स्थगित किया जा रहा है हालांकि यह रैलियां वर्चुअल माध्यम से अब की जाएंगी। क्या वर्चुअल माध्यम से पार्टियों से जुड़ पाएंगे जुड़ पाएगी जनता, यह देखना होगा। वर्चुअल माध्यम से की जाने वाली रैलियों को लेकर भाजपा और कांग्रेस आईटी सेल ने तैयारियां तैयारियां शुरू कर दी हैं। एक ओर जहां भाजपा वर्चुअल माध्यम से की जाने वाली रेडियो को लेकर खासा उत्साहित है तो वहीं अन्य पार्टियां भी इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। इन सबके बीच बड़ी बात यह है कि आखिर वर्चुअल माध्यम से की जाने वाली रैलियों से कितने लोग जुड़ पाएंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों ने कहीं न कहीं सियासी दलों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। आपको बताते चलें कि बीते दिसंबर माह से हर राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेताओं ने इन सभी 5 राज्यों में रैलियां की हैं और इन राज्यों में आने वाले आगामी महीनों के दौरान पीएम मोदी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अरविंद केजरीवाल सहित तमाम बड़े नेताओं की रैलियां होना प्रस्तावित थी, लेकिन जिस तरीके से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उससे कहीं न कहीं अब सियासतदानों को नई रणनीति तैयार करनी होगी।भारत जैसे देश में एक तबका ऐसा भी है जिसको वर्चुअल माध्यम से जोड़ना मुश्किल है।

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