देहरादून ब्यूरो- जिस तरह से पूरे देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं उससे यह संभावना जताई जा रही है कि मई माह में उत्तराखंड में कोरोना का नया वैरिएंट एक्सई अपनी दस्तक दे सकता है। एम्स ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि ओमिक्रॉन के नये वैरिएंट एक्सई के देश में मामले बढ़ते जा रहे हैं और यह ओमिक्रॉन से दोगुनी संक्रमण दर से फैल भी रहा है।
एम्स ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने जानकारी दी है कि देश में ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट एक्सई देश में दस्तक दे चुका है। यह ओमिक्रॉम का ही सबम्यूटेंट है, जिसके कारण यह ओमिक्रॉन से दोगुनी दर से फैल रहा है। इससे यह माना जा रहा है कि मई के पहले और दूसरे हफ्ते के बीच यह नया वैरिएंट एक्सई उत्तराखंड में भी दस्तक दे सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि जून से जुलाई के बीच इस वैरिएंट के फैलने की दर चरम पर होगी। उन्होंने बताया कि इस वैरिएंट के कारण ओमिक्रॉन की तरह गंभीर परिणाम सामने आने की संभावनाएं भी बेहद कम हैं। उत्तराखंड सहित पूरे देश में कोविड की वैक्सीन लगने से यहां के लोगों की इम्यूनिटी बढ़ गई है। इसलिए इस संक्रमण से सर्दी जुकाम जैसे ही लक्षण देखने को मिलेंगे। लेकिन गंभीर रूप से बिमार, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता और बच्चों को इस संक्रमण से बचाना बेहद ही जरूरी है। वहीं विशेषज्ञों की माने तो एक्सई वैरिएंट ओमिक्रॉन के बीए. 1 और बीए. 2 का मिश्रण है, इस कारण इस की संक्रमण दर ओमिक्रॉन के मुकाबले दोगुनी है। साथ ही विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि ऐसा नहीं कि टिकाकरण से इसका संक्रमण नहीं फैल सकता है लेकिन टिकाकरण से सुरक्षा मिलती है और संक्रमण के कारण गंभीर परिणाम देखने को नहीं मिलते। इसलिए सभी को इससे बचने के लिए मास्क पहनना, शारीरिक दून बनाये रखना और सैनिटाइजेशन करना जरूरी है।