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कहीं ‘एजेंडा 21’ तो नहीं कोरोना? अब नये नियोकोव वायरस ने बढ़ाई मुसीबत

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ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया में अभी कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्राॅन की दहशत जारी थी कि इस बीच चाइना के विशेषज्ञों ने एक और नए कोरोना वायरस नियोकोव के बारे में अलर्ट जारी किया है। जानकारी के अनुसार यह वायरस का काफी घातक है और इसमें दस मरीजों में से तीन लोगों की मौत हो रही है। यह वायरस चमगादड़ों में मिला है। आपको बता दें कि एक रूसी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक की जारी रिपोर्ट के अनुसार कोरोना का ये नया वैरिएंट साउथ अफ्रीका के चमगादड़ों में पाया गया है। नियोकोव चमगादड़ों में बहुत तेजी से फैला है। इसी वजह से इस वायरस से इंसानों को भी खतरा माना जा रहा है। इससे पहले भी 2019 में जब चीन में दुनिया का पहला कोरोना केस सामने आया था, तब भी कई रिपोर्ट्स में इसके चमगादड़ के जरिए ही इंसानों में फैलने की बात कही गई थी। वहीं, इसे कहीं न कहीं एजेंडा 21 का हिस्सा भी बताया जा रहा है। कुछ दिन बाद स्वरूप बदल रहे इस वायरस से कहीं न कहीं मानव जाति पर भी एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है। इससे हमारी पहले की तैयारियां धरी की धरी रह जाएंगी। कहने का मतलब है वैक्सीन से लेकर दवाइयां तक नए वायरस के अनुरूप ही तैयार करनी होंगी। इसे रिसर्च करते-करते वैज्ञानिकों और डाॅक्टरों का जितना समय लगेगा तब तक काफी देर हो जाएगी और जब तक इसका हल निकलेगा तब तक हो सकता है कोरोना का कोई नया रूप सामने आ जाए?

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वुहान के चीनी रिसर्चर्स के अनुसार कोरोना वायरस के नए वैरिएंट नियोकोव के फैलने और मौत की दर दोनों बहुत ज्यादा हैं। इस स्टडी के मुताबिक इस नए वायरस से हर तीन में से एक की मौत होने का संभावना है। लैब लीक थ्योरी के अनुसार चीन के वुहान लैब में चमगादड़ों पर हो रहे प्रयोग के दौरान ही कोरोना वायरस लीक होकर इंसानों में फैला। इस थ्योरी के अनुसार ये भी संभव है कि चीन ने जान बूझकर कोरोना वायरस में जेनेटिक बदलाव करते हुए इसे इंसानों में फैलाया हो। जबकि चीन मीडिया और रसियर एजेंसी की इस थ्योरी को नकारता रहा है। उसका कहना है कि कोरोना वुहान में जानवरों के एक मार्केट से इंसानों में फैला था।

दूसरी ओर रिसर्चर्स का दावा है कि नया कोरोना वैरिएंट नियोकोव किसी भी तरह की इम्यूनिटी को चकमा देने में सक्षम है। इससे मौजूदा सभी कोरोना वैक्सीन इस पर बेअसर हो सकती हैं। रिसर्चर्स ने कहा है कि नए वैरिएंट से इंसानों को ज्यादा खतरा इसलिए है। पहले के कोरोना वैरिएंट की तुलना में यह अलग तरीके से जुड़ता है।

वहीं, दूसरी ओर कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि एजेंडा 21 तहत चाइना नए-नए जैविक हथियार तैयार करते जा रहा है। इससे कहीं न कहीं लोगों की जनसंख्या कम करने के नए-नए तरीके ढूंढे जा रहे हैं। आपको बता दें कि यह एजेंडा 21 संयुक्त राष्ट्र द्वारा तैयार की गई एक कार्य-योजना है और 1992 में रियो डी जनेरियो (ब्राजील) में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण और विकास सम्मेलन में 178 देशों की सरकारों द्वारा हस्ताक्षरित है। इसका लक्ष्य―”क्योंकि हम बहुत अधिक हैं और इस ग्रह को बचाने” के रूप में अभिजात वर्ग के विचार के अनुसार आबादी घटाने के लिए दुनिया भर में सरकारों द्वारा लागू किया जाना है। आपको यह तो मालूम ही होगा कि मार्च 2020 में ही माइक्रोसॉफ्ट ने घोषणा की थी कि बिल गेट्स ने कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस्तीफा दे दिया है और वे अपना ज्यादा समय वैश्विक स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में लोगों की भलाई के काम में देना चाहते हैं।

इससे पहले भी कई तरह के वायरस और महामारियां दुनिया ने देखी हैं। अब कोरोना नए-नए रूप बदलकर कहीं न कहीं विश्व की आबादी को एक तरह से घटा रहा है। सीधे तौर पर एक ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा है जीना है तो इसी माहौल में जीना होगा, अन्यथा अलविदा! यह कहीं न कहीं कयासबाजी हो सकती है, लेकिन कुछ महिनों या यूं कहें साल बाल कोरोना के बदलते रूप को देखते हुए कहीं न कहीं यह अतिश्योक्ति न होगी।

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