कांग्रेस को दो और बड़े नेताओं ने कहा अलविदा, क्यों और किसके इशारे पर पार्टी से किनारा कर रहे नेता?

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कांग्रेस को दो और बड़े नेताओं ने कहा अलविदा, क्यों और किसके इशारे पर पार्टी से किनारा कर रहे नेता?

देहरादून, ब्यूरो। देशभर के साथ ही उत्तराखंड में भी कांग्रेस गुटबाजी के कारण बिखरती जा रही है। चुनाव हारने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत अन्य राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को पदों से हटा दिया था। इसके बाद उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष तो बनाए गए लेकिन अन्य संगठन स्तर के कई पदों पर नेताओं को जिम्मेदारी तो दी लेकिन गढ़वाल मंडल के नेताओं की उपेक्षा की गई। ऐसे में कांग्रेस से कई पुराने नेता किनारा कर रहे हैं। कांग्रेस ने सिर्फ कुमाऊं मंडल के नेताओं को तरजीह दी और गढ़वाल मंडल से किसी भी बड़े नेता को कोई जिम्मेदारी नहीं दी। कहीं न कहीं कई गढ़वाल के कांग्रेस नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। वहीं, कुछ सियासी जानकारों की मानें तो ये नेता एक पूर्व मुखिया रहे नेता के इशारे पर पार्टी छोड़ रहे हैं। अगर ऐसा ही हुआ तो जल्द कई और वरिष्ठ कांग्रेसी भी आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं।

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आपको बता दें कि आज सोमवार 11 जुलाई को प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष कमलेश रमन ने कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, दूसरी ओर वरिष्ठ नेता और प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. राजेंद्र प्रसाद रतूड़ी ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है। प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. राजेंद्र प्रसाद रतूड़ी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर यह जानकारी दी। इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता जोत सिंह बिष्ट ने भी कांग्रेस से अलविदा कह कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। दूसरी ओर कांग्रेस छोड़ने वाले दोनों प्रवक्ता भी आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों नेता दिल्ली में आम आदमी पार्टी की आज सदस्यता लेने वाले हैं। कहीं न कहीं यह पार्टी के नेताओं का पलायन कई सियासी उठापटक की ओर इशारा कर रहा है।

कांग्रेस पार्टी को अलविदा करने वाली कांग्रेस नेत्री कमलेश रमन ने कांग्रेस महिला कांग्रेस अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की सूचना दी है। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘मैं तीन दशक से कांग्रेस से जुड़ी रही और समर्पित भाव से अपना जितना भी सहयोग हो सकता था कांग्रेस पार्टी को दिया। विगत कुछ समय से अपने को उपेक्षित एवं ठगा-सा महसूस कर रही हूं। मेरी जैसी पूर्णकालिक निष्ठावान कार्यकर्ता की उपेक्षा एवं लगातार बढ़ रहे अंतर्कलह से आहत होकर और बहुत ही दुखी मन से आज कांग्रेस के सभी पदों के साथ प्राथमिक सदस्यता से अपने को मुक्त कर रही हूं।’’

kamlesh raman

दूसरी ओर सोशल मीडिया पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद रतूड़ी ने लिखा, ‘‘आज मन अत्यंत आहत है। मैंने अपने जीवन के 45 साल कांग्रेस पार्टी को दिए और अब कांग्रेस के जो हालात हैं वह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। पार्टी नेतृत्व द्वारा जिस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं, पार्टी में जिस तरह की अंतरकलह है वह सब अत्यंत ही दुःखद हैं। 2017 के चुनाव परिणाम से सबक लेने के बजाय 2022 की चुनावी हार के बाद पार्टी में गुटबाजी और तेज हो रही है। कांग्रेस पार्टी का उत्तराखंड का नेतृत्व नहीं चाहता कि 2027 में पार्टी चुनाव जीते। चंपावत चुनाव में पार्टी की जो दुर्गति हुई उसके बाद भी बड़े नेता लगातार सोशल मीडिया पर रोज झगड़ते दिख रहे हैं। उससे कार्यकर्ता अत्यंत हतोत्साहित हैं। इसलिए मैं आज आहत होकर कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से अपने को मुक्त करते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।’’ कांग्रेस में बढ़ता अंर्तकलह इन नेताओं को पलायन के लिए मजबूर कर रहा है या फिर कांग्रेस के कुछ दिग्गज आम आदमी पार्टी में ठौर तलाश रहे हैं। एक पूर्व मुखिया के बेटे के लिए राजनीतिक मंच के तौर पर भी यह सियासी मेहनत बताई जा रही है।