कुछ विफलताओं को उठाता हूं, तो भाजपा वाले डांट देते हैं- हरदा के इस ट्वीट का क्या है मतलब

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देहरादून, ब्यूरो :  चंपावत उपचुनाव से पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने अलकनंदा होटल और चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाकर राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। हरीश रावत ने ट्वीट कर दोनों मुद्दों पर सरकार को घेरा है। बता दे कि आज यूपी सीएम योगी ने भी टनकपुर में सीएम धामी के पक्ष में चुनावी प्रचार किया था। ऐसे में हरीश रावत ने अलकनंदा होटल का मुद्दा उठाकर कहीं न कहीं उत्तराखंड और यूपी दोनों ही सरकारों को घेरना का काम किया है।

अलकनंदा होटल को लेकर बोले हरदा

अलकनंदा होटल को लेकर हरीश रावत ने लिखा है कि ‘क्या कहूं कुछ कहा भी ना जाये” और “बिन कहे रहा भी ना जाये…ये पुरानी फ़िल्मी कहावत मुझपर आजकल सही साबित हो रही है ! यदि वर्तमान सरकार की कुछ विफलताओं को उठाता हूं तो भाजपा वाले डांट देते है की इतनी बार हार गए अब भी अकल नही आयी | अब अलकनंदा इस राज्य की एक सुनहरी सम्पति थी पहले तो उसको उत्तरप्रदेश से शोषण करने दिया गया, और फिर जब अलकनंदा उत्तराखंड को देने की बात आई तो उसके एवेज में उसके सामने प्राइम लैंड देकर के उत्तरप्रदेश वालों को एक भव्य होटल वहाँ बनाने की अनुमति दे दी गयी, और जमीन दे दी गयी, हमने तब भी आपत्ति की, फिर हमने आपत्ति की की कुछ हो गया है खटर-पटर, लेन-देन और अलकनंदा को प्रॉपर्टी के रूप में खत्म किया जा रहा है, और कही दिनों से इसको बंद रखा गया और अब समझ में आ गयी बात, किसी प्राइवेट व्यक्ति की नजर है उसपर और राज्य सरकार उस प्राइवेट व्यक्ति को देकर हरिद्वार को भी स्विट्ज़रलैंड बना देना चाह रही हो’ |

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चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं पर हरदा का सवाल
हरदा ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘बड़ा दुःखद समाचार है कि प्रतिदिन, अब तो कहने में भी डर लग रहा है, चारधाम के लिए पहुंच रहे यात्री मर रहे हैं। कहा जा रहा है ठण्ड से मर रहे हैं। जिस समय हरीश रावत की सरकार थी निर्णय हुआ कि ठण्ड के समय में कम्बल और गरम वस्त्र यात्रियों को SDRF उपलब्ध करवाएगी, मार्ग में भी करवाएगी, श्री केदारनाथ में भी करवाएगी, श्री बद्रीनाथ में पुलिस करवाएगी और यमुनोत्री में उस समय यह सवाल उठा नहीं था, क्योंकि हमारे कार्यकाल में तीन साल यात्रा चली, कोई मौत नही हुई। श्री त्रिवेंद्र सिंह जी के समय में भी SDRF गरम वस्त्र उपलब्ध करवाती रही, अब हमारे माननीय पर्यटन मंत्री जी ने बड़ी ऊँची बात कही है कि वो केदारनाथ को वार्म सिटी में बदल देंगे। अब मुझे लगता है कि अब तो पहाड़ों के घरों को भी वार्म विलेज में बदल देंगे, तीर्थस्थल तो बदलेंगे ही बदलेंगे, मगर वार्म कपडे़ नहीं मिल सकते हैं तीर्थयात्रियों को, यह आज समाचार पत्रों में छपा है। हमारी लापरवाही की हद है और यह समाचार राज्य के रूप में हम सबका मुँह चिड़ा रहा है, यह दुर्लभ चारधाम यात्रा है। सभ्यता की हमारे पास धरोहर है। यदि इसी तरीके से मौतें होती रही तो हमारे राज्य के विषय में देश भर में क्या संदेश जायेगा, इस पर कुछ विचार होना चाहिए था’।

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