Best places to visit in uttarakhand : Uttarakhand के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित चोपता एक बेहद ही खूबसूरत जगह है। इस जगह को मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। साथ ही यहां पर दुनियां का सबसे ऊंचा शिव मंदिर भी देखने को मिलेगा जो कि तुंगनाथ नाम से प्रसिद्ध है। ये जगह अल्पाइन घास के मैदान और सदाबहार वनों से घिरा हुआ एक हिल स्टेशन है जोकि समुद्रतल से 2680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
Best places to visit in uttarakhand
चोपता से ट्रेक शुरु करने के बाद आप पहले तुंगनाथ पहुंचेंगे। चोपता से तुंगनाथ का ट्रैक 04 किलोमीटर लंबा है और आप आसानी से पहुंच सकते हैं, औऱ तुंगनाथ से चंद्रशिला ट्रेक 1.5 किलोमीटर दूर है यह ट्रेक आप कुछ ही घंटों में पूरा कर सकते है वहीं सर्दियों के समय यहां बहुत बर्फ जमी रहती है जिस वजह से तुंगनाथ से चंद्रशिला का ट्रेक बंद रहता है।
चोपता में घूमने के लिए जगह
तुंगनाथ : तुंगनाथ मंदिर, जो 3460 मीटर की ऊँचाई पर बना हुआ है और पंच केदारों में सबसे ऊँचाई पर स्थित है। यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना माना जाता है और यहाँ भगवान शिव की पंच केदारों में से एक के रूप में पूजा होती है। ऐसा माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया गया था, जो कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार के कारण पाण्डवों से रुष्ट थे। माना जाता है कि पार्वती ने विवाह से पहले शिवजी को प्रसन्न करने के लिए यहां पर तपस्या की थी।
चंद्रशिला
चंद्रशिला का पौराणिक महत्व रामायण काल और उससे भी ज्यादा पुराना माना जाता है, इसके साथ ही ये जगह ट्रेकिंग डेस्टिनेशन के लिए प्रसिद्ध है।
पौराणिक कथा : माना जाता है कि राजा दक्ष प्रजापति की 27 कन्याएं थी। उन सभी में रोहिणी नाम की एक कन्या से चंद्रमा बहुत प्रेम करते थे, जब इस बात का पता राजा दक्ष को चला तो उन्होंने चंद्रमा को श्राप दे दिया।राजा दक्ष के श्राप से चंद्रमा को क्षय रोग हो गया। इस रोग से मुक्ति पाने के लिए चंद्रमा ने तुंगनाथ के पास स्थित चंद्रशिला में आकर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घौर तपस्या की उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने चंद्रमा को क्षय रोग से मुक्त होने का आशीर्वाद दिया।
यहां इन महीनों में आकर आप उठा सकते हैं बर्फ का लुफ्त
यूं तो यहां हर साल बर्फबारी होती है, अगर आपको बर्फबारी का अनुभव करना है तो आपको दिसंबर से मार्च के महीने में चोपता आना होगा।
चोपता तक पहुंचने का रास्ता
Chopta पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको ऋषिकेश या हरिद्वार पहुंचना होगा यहां से आपको मिनी स्विट्जरलैंड के लिए बस मिल जाएगी यह बस आपको मिनी स्विट्जरलैंड यानी की चोपता तक पहुंचा देगी। यह बस उखीमठ से होते हुए गोपेश्वर तक जाती है, गोपेश्वर चोपता की दूरी केवल 43 किलोमीटर है।
रेल मार्ग
Chopta के सबसे पास वाला रेलवे स्टेशन ऋषिकेश और हरिद्वार में स्थित है ऋषिकेश से चोपता की दूरी 163 किलोमीटर की है जबकि हरिद्वार से चोपता की दूरी 229 किलोमीटर की है। यहां से आप टैक्सी के जरिए भी चोपता जा सकते हैं।
बाय एयर
चोपता से निकटत्तम हवाई अड्डा जोली ग्रांड एयर पोर्ट है जो लगभगग 220 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
चोपता सड़क से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है।
दिल्ली से चोपता – 424 किलोमीटर
देहरादून से चोपता- 200 किलोमीटर
ऋषिकेश से चोपता- 163 किलोमीटर
चोपता से चंद्रशिला ट्रेक-5 किलोमीटर
यूं तो पर्यटकों के लिए चोपता पूरे साल खुला रहता है हालांकि बरसात के समय बहुत कम टूरिस्ट चोपता घूमने आते हैं,वहीं गर्मियों में मार्च से अक्टूबर और सर्दियों में दिसंबर से फरवरी में काफी संख्या में टूरिस्ट यहां की खूबसूरती को निहारने आते हैं।
इसके साथ ही यदि आप ट्रेक नहीं कर सकते तो आप यहां घोड़े-खच्चर से भी जा सकते हैं।
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