120 रुपये से ज्यादा बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
महंगाई की ‘आग’ में घी डालने का काम करने वाले हैं पेट्रोल-डीजल
देहरादून, ब्यूरो। रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ ही देश के पांच राज्यों में चुनाव संपन्न होने के बाद आम आदमी की जेब पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों का भार पड़ने वाला है। पहले से ही महंगाई की मार से परेशान देश की जनता पर महंगाई की और मार पड़ने वाली है। चुनाव के रिजल्ट आने से पहले या फिर यूं कहें कि अगले ही चंद दिन बाद पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू सकते हैं।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के साथ ही पांच राज्यों में भी चुनाव संपन्न हो गए हैं। चुनाव की मतगणना के बाद परिणाम 10 मार्च को सामने आएंगे। इस बीच आम आदमी को महंगाई का झटका लग सकता है। पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसका असर देश में पेट्रोल और डीजल के दामों पर भी पडेगा। रूस-यूक्रेन के युद्ध के बाद का असर भी कच्चे तेल के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें नौ साल में पहली बार तीन मार्च को 120 अमेरिकी डालर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गईं। वहीं, चार मार्च को यह थोड़ा कम होकर 111 अमेरिकी डालर पर आ गईं। तेल कंपनियों के लिए मार्जिन को शामिल करने के बाद कीमतों में 15.1 रुपये की बढ़ोतरी संभव है।
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आपको बता दें कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और पंजाब में विधानसभा चुनाव के सारे सात चरण सात मार्च को खत्म हो गए हैं। अब 10 मार्च को मतगणना होगी। चुनाव के चलते ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पर ब्रेक लगा हुआ था। उम्मीद है इनके दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। बता दें कि रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। बढ़ोतरी जारी है।
देश में पेट्रोल के दाम 15 से 22 रुपये तक महंगे हो सकत हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार घरेलु तेज कंपनियों को सिर्फ लागत की भरपाई के लिए कीमतें बढ़ानी होंगी। अगर तेज कंपनियों ने यह बढ़ोतरी की तो इससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा। दूसरी ओर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की बात करें तो यहां आइओसी के पेट्रोल पम्प में पेट्रोल के दाम 94 रुपये प्रति लीटर है। वहीं, डीजल की बात करें तो इसकी कीमत 87 रुपये 32 पैसा प्रति लीटर है। पेट्रोल पंप कंपनियां भी कुछ पैसों का अंतर से पेट्रोल-डीजल बेचती हैं। भारत पेट्रोलियम का रेट अलग, इंडियन आॅयल का अलग, रिलायंस का अलग जबकि एचपी आदि अन्य कंपनियों के रेट में भी कुछ पैसों का अंतर है, जिसे आमजन शायद ही नोटिस करते हैं।