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Antarctica Facts: अंटार्कटिका के बर्फीले रेगिस्तान में दफन कई राज़

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Antarctica

Antarctica Facts

अंटार्कटिका के इन रहस्यों को जानकर क्यों हुए वैज्ञानिक भी हैरान?

International News Desk: इस दुनिया में सबसे बड़ा रेगिस्तान है अंटार्कटिका का बर्फीला रेगिस्तान जो 7 महाद्वीपों में से सबसे ज्यादा ठंडा महाद्वीप है। ये बर्फीला रेगिस्तान अपने अंदर इतने रहस्य (Antarctica Facts) समेटे हुए हैं जिसका आप अंदाजा भी नही लगा सकते। शोधकर्ताओं द्वारा कई रहस्यों (Antarctica Facts) की खोज की जा चुकी है वहीं कई ऐसे भी रहस्य हैं जिनके बारे में वैज्ञानिकों के पास भी कोई जवाब नही है।

अंटार्कटिका को रेगिस्तान क्यों कहा गया है?

अंटार्कटिका को रेगिस्तान इसलिए कहा गया है क्योंकि रेगिस्तान एक मैदानी इलाका होता है और इस इलाके में पहाड़ों के न होने के कराण यहां तेज़ हवायें चलती है इसके साथ ही यहां बारिश भी न के बराबर ही होती है जिसके कारण यहां मौसम शुष्क बना रहता है। अंटार्कटिका करीबन 1.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। जिसमें से करीबन 2000 वर्ग किलोमीटर मैदानी क्षेत्र है और बाकी बचे क्षेत्र में 1.6 किलोमीटर की मोटी बर्फ की चादर है।   

अंटार्कटिका के 7 रहस्य

ये तो थी अंटार्कटिका के बारे में कुछ जानकारी अब आपको बताते हैं कि वो कौन से रहस्य (Antarctica Facts) हैं जो अंटार्कटिका के रेगिस्तान अपने आप में समेटे हुए है।

Antarctica Facts: The Vostok Lake

दुनिया की सबसे गहरी और रहस्यमयी लेक (Antarctica Facts) का नाम है वोस्तोक लेक। वोस्तोक लेक की गहराई को आजतक कोई नही माप पाया है। ये लेक करीबन 240 किलोमीटर लंबी है और 50 किलोमीटर चौड़ी है। जब शोधकर्ताओं द्वारा इस लेक को खोजा गया तो उन्होंने बर्फ की चादर में करीबन 4 किलोमीटर तक ड्रिल किया जिसके नीचे उन्हें वोस्तोक लेक मिली।

Antarctica Facts Vostok station
Source: Social Media

वोस्तोक लेक के बारे में कहा जाता है कि किसी समय में ये लेक बर्फ के नीचे नही बल्की जमीन के ऊपर ही दिखाई देती थी मगर NASA द्वारा ये दावा किया गया है कि ऐसा करीबन ढ़ाई करोड़ सालों पहले हुआ करता था। अंटार्कटिका की वोस्तोक झील करीबन ढ़ाई करोड़ सालों से बर्फ की चादर के नीचे ही है और इस झील में एक ऐसा इकोसिस्टम है जिसे धूप और हवा की भी जरूरत नही है। इस झील में कई बैक्टीरिया, माइक्रोब्स और मछलियां पाई जाती है जो इसी ठंडे पानी में बिना धूप और हवा के जीवन व्यतीत करती हैं।

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अब आप सभी के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिरकार 4 किलोमीटर मोटी बर्फ की परत के नीचे कैसे पानी हो सकता है। दरअसल बर्फ के नीचे ये पानी इसलिए मौजूद है क्योंकि धरती में हाई प्रेशर के कारण बर्फ लिक्विड फोर्म में बदल जाती है। इसके साथ ही धरती का कोर भी हीट प्रोड्यूस करता है जिसके कराण बर्फ पानी में तब्दील हो जाती है और इसी वजह से बर्फ की चादर के नीचे वोस्तोक झील का भी निर्माण हुआ है।         

Antarctica Facts: Elongated skulls

इसके बाद बात करतें है अंटार्कटिका में मिले उन स्कल्स की जो इतने अजीब तरीके से लंबे हैं कि किसी को भी इस पर शक होगा कि ये इंसानों के ही हैं या नही। दरअसल ऐसे स्कल्स पुराने जमाने में ईजिप्ट और पेरू में पाए जाते थे और लोगों के ऐसे सिर कोई जन्म से ही नही थे बल्की कुछ जनजतियों के लोग अपने लोगों के सिरों को झोक पीटकर इसे अजीब तरीके से लंबा करते थे या फिर कुछ सलीबों के बीच डबाकर इनके सिरों को लंबा किया जाता था।

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अंटार्कटिका में इस तरह के स्कल्स मिलने से इस बात की पुष्टी होती है कि कई लाखों साल पहले अफ्रीका, साउथ अमेरिका और अंटार्कटिका एक दूसरे से जुड़े हुए थे, लेकिन जब धरती के अंदर टैकटोनिक प्लेट्स का मूवमेंट हुआ तो ये जगहें भी एक दूसरे से अलग हो गईं। आपको बता दें कि अंटार्कटिका पहले पैंजिया का ही पार्ट था।

Antarctica Facts: Hitler’s Nazi Bases

आज जहां कई देश इस होड़ में लगे हुए हैं कि वो अंटार्कटिका पर पूरी तरह से अपना कब्ज़ा कर लें। वहीं हिटलर ने 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत में ही अंटार्कटिका पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी और यहां मौजूद कई सारी रिसोर्सेज का इस्तेमाल करना चाहा था।

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ऐसा हिटलर ने तब किया था जब उसे लगा कि द्वितीय विश्व के दौरान हिटलर की आटलरी को तेल, दूध और बटर जैसी चीज़ों की कमी हो सकती है। जिसके बाद हिटलर ने अपनी नाजी सिपाहियों की एक टोली को शिप्स के साथ अंटार्कटिका के लिए रवाना किया। यहां नाजी सिपाहियों को मारगेरियन फैट के लिए वेल ऑयल की खोज करनी थी। ये एक गुप्त अभियान था जिसे नाम दिया गया था श्वाबेनलैंड अभियान (Schwabenland Expedition). ये गुप्त अभियान 5 महीनों तक चला इसके बाद हिटलर ने अपनी नाजी सेना को वापिस बुला लिया।  

Antarctica Facts: Martian meteorite

Source: Social Media

देश के वैज्ञानिकों के चहरों पर तब खुशी आई जब उन्हें कई सालों पहले अंटार्कटिका से आलू जितना छोटा उल्का पिंड मिला जो मार्स से एंटार्कटिका पर गिरा था। जब इस उल्का पिंड पर शोध किया गया तो इस उल्का पिंड पर कुछ बहुत ही अनोखे से माइक्रोब्स के फॉसिल्स पाए गए, जिसके बाद ये पता चला कि मार्स में भी लाइफ मौजूद है और बस फिर इसके बाद तो मार्स पर इंसानों को बसाने के लिए शुरू हो गई रिसर्च जो आजतक चल ही रही है।

Antarctica Facts: Blood Waterfalls

अंटार्कटिका के रहस्यों (Antarctica Facts) के बीच एक खूनी वॉटरफॉल भी है जिसे लोग ब्लड वॉटरफॉल के नाम से भी जानते हैं। 1911 में आस्ट्रेलिया के एक जियोलॉजिस्ट जब टेलर ग्लेशियर (taylor’s glaciers) की सैर पर निकले तो इस दैरान उन्हें टेलर ग्लेशियर (taylor’s glaciers) से एक लाल रंग का वॉटरफॉल निकलता दिखाई दिया जो बिलकुल खून की तरह दिखाई दे रहा था।

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जब इस पर शोध किया जाने लगा तो पहले तो वैज्ञानिकों को लगा कि इस पानी का रंग लाल इसलिए है क्योंकि इसमें लाल ऐल्गे (Algae) मौजूद है। मगर फिर बाद में जब और रिसर्च की गई तो पता चला कि इस पानी का रंग लाल इसलिए है क्योंकि इस पानी में आयरन ऑक्साइड (Iron Oxide) बहुत ही ज्यादा मात्रा में मौजूद है जिसके कारण इसका रंग लाल है।

Antarctica Facts: Ross Ice Shelf

जब अंटार्कटिका के बर्फीले मैदान से कुछ ऐसी अवाज़े आने लगी जैसे मानो कोई औरत रो रही हो तो इस पर शोध किया गया। 1950 में रॉस आइस शेल्फ (Ross Ice Shelf) पर शोध किया गया। इस दौरान ये पता चला की अंटार्कटिका की ये Ice Shelf गाती है। ऐसा क्यों होता है ये आपको बताते हैं। दरअसल जब हवा इस Ice Shelf से टकराती है तो उससे एक ऐसी आवाज़ निकलती है मानों कोई महिला रो रही हो।

ये आवाज़ आम लोगों को नही सुनाई देती लेकिन भूकंपीय कंपन (Seismic Vibrations) को रिकार्ड करने वाली मशीने इस आवाज को रिकार्ड कर लेती हैं। इसके साथ ही आपको बता दें कि अंटार्कटिक में मौजूद बाकी Ice Shelf से भी इसी प्रकार की आवाज़े आती हैं। ये आवाज़ वहां के तापमान और हवा की गती के मुताबिक अलग अलग आती हैं।

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Antarctica Facts: Gamburtsev Mountain range

अंटार्कटिका में जैसे बर्फ की चादर के नीचे एक विशाल झील है वैसे ही यहां एक और बर्फ की चादर है जहां एक विशाल चट्टान मौजूद है जो कई करोड़ सालों से वैसी की वैसी ही है। 1950 में बर्फ की विशाल चादर के नीचे कुछ खोजकर्ताओं द्वारा 2700 मीटर ऊंची एक विशाल चट्टान की खोज की गई थी जिसका नाम रखा गया गम्बर्टसेव पर्वत श्रृंखला (Gamburtsev Mountain range) जो 1200 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली हुई है।

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जियोलॉजिस्ट्स और वैज्ञानिकों के अनुसार ये पर्वत श्रृंखला करीबन एक बिलियन साल पुरानी है और इसके पीछे का कराण भी आजतक कोई शोधकर्ता नही ढूंढ पाया है कि इतने सालों बाद तक भी कैसे इस पर्वत श्रृंखला में कोई बदलाव नही आया है।

तो ये थे अंटार्कटिका से जुड़े कुछ रहस्य (Antarctica Facts) जिनमें से कुछ का रहस्य तो वैज्ञानिक खोज़ पाए लेकिन इनमें से कुछ ऐसे हैं जिनके बारे में वैज्ञानिक भी आजतक कनफ्यूज़ हैं और कई तो ऐसे रहस्य (Antarctica Facts) है जो अभी भी इस विशालकाय बर्फीले मैदान में दफन हैं।

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