Home ऋषिकेश AIIMS Rishikesh में भी होगा आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी इलाज

AIIMS Rishikesh में भी होगा आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी इलाज

0
AIIMS Rishikesh

Uttarakhand Devbhoomi Desk: एम्स ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) आने वाले रोगियों को अब आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी का भी लाभ मिलेगा। केंद्र का उद्घाटन 13 जुलाई को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण पवार करेंगी। यहां आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों से मरीजों का उपचार किया जाएगा।

मारियों में अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियों के सहयोग की जरूरत महसूस होती है। एम्स ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) में अब इस प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज एक ही स्थान पर हो सकेगा। केंद्र सरकार की पहल पर इसे ध्यान में रखते हुए संस्थान में इंटीग्रेटिव (एकीकृत) मेडिसिन विभाग की एक अलग डिवीजन बनाई जा रही है। एम्स में आयुष विभाग की सेवाएं पूर्व में भी संचालित थीं लेकिन वर्ष 2019 में कोविड काल के दौरान इसे बंद करना पड़ा था।

AIIMS Rishikesh: पारंपरिक दवाओं और योग से मिलेगा लाभ

एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो डा. मीनू सिंह (AIIMS Rishikesh) ने बताया कि मरीजों को अधिकाधिक स्वास्थ्य लाभ देने के उद्देश्य से संस्थान के आयुष भवन में इंटीग्रेटिव मेडिसिन केंद्र खोला जाएगा। जहां आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों से मरीजों का उपचार किया जाएगा।AIIMS Rishikesh

डा. मीनू सिंह ने कहा कि एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ कई बीमारियों में आयुर्वेदिक और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति भी लाभकारी सिद्ध हुई है। ऐसे में इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग के अंतर्गत ऐसी बीमारियों का साक्ष्य आधारित इलाज होने के साथ-साथ इसमें अनुसंधान (AIIMS Rishikesh) कार्य भी हो सकेंगे। साथ ही इस विभाग की ओर से पारंपरिक दवाओं और योग को आगे बढ़ाने का कार्य भी किया जाएगा।

प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि इस केंद्र में आयुर्वेद से संबंधित पंचकर्मा जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं भी शुरू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि समावेशी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने की दिशा में यह विभाग मरीजों के बेहतर इलाज के लिए बहुलाभकारी सिद्ध होगा।

For latest news of Uttarakhand subscribe devbhominews.com

Exit mobile version