ब्रह्मखाल से बदाली जा रहे मगनू को बाघ ने मार डाला, रास्ते में मिली लाश; दहशत में लोग

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वन विभाग के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश, छह माह से गुहार लगाने के बाद भी आदमखोर को नहीं किया गया ढेर

उत्तरकाशी (विनीत कंसवाल): उत्तराखंड में जंगली जानवरों और इंसानों के बीच संघर्ष कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब उत्तरकाशी जनपद के ब्रह्मखाल इलाके के बदाली गांव में एक व्यक्ति को आदमखोर बाघ ने अपना निवाला बना दिया। जानकारी के अनुसार बदाली गांव निवासी मगनू ब्रह्मखाल बाजार से देर रात को अपने घर की ओर जा रहा था। इसी दौरान अचानक उस पर बाघ ने हमला कर दिया। इसके बाद आज सुबह लोगों को मगनू का शव जंगल में क्षत-विक्षत हालत में मिला है।

वहीं, ग्रामीणों के कहना है कि छह माह से यह आदमखोर बाघ इलाके में दहशत का पर्याय बना हुआ है। कई बार आने-जाने वाले दुपहिया वाहनों पर यह आदमखोर झपट चुका है। साथ ही कई पालतु जानवरों को अपना निवाला बना चुका है। ग्रामीणों ने डीएम से लेकर वन विभाग तक कई बार गुहार लगाई है कि इस बाघ को आदमखोर घोषित कर गोली मारने के आदेश जारी करें, लेकिन वन विभाग के साथ ही जिला प्रशासन भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। इलाके के डीएफओ पुनीत तोमर भी मामले में कुछ कहने की बजाय अपना फोन तक नहीं उठा रहे हैं। इससे लोगों में वन विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त है। साथ ही मगनू के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बाघ के हमले में मौत की सूचना के बाद आस-पास के सैकड़ों लोग मौके की ओर दौड़ पड़े। सभी मगनू के परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं और वन विभाग को जमकर कोस रहे हैं।

उत्तराखंड में वन बाहुल्य राज्य होने के कारण अक्सर यहां जंगली जानवरों और इंसानों के बीच संघर्ष रहता है। कभी गुलदार, कभी हाथी तो कभी बाघ और भालू इंसान की बस्तियों की ओर रुख कर अन्य नुकसान पहुंचाने के साथ ही जान तक के दुश्मन बने हुए हैं। उत्तरकाशी जिले के कई गांवों में भालू, गुलदार और आदमखोर बाघ के कारण लोग दहशत में रहते हैं।

कई बार भालू दिनदहाड़े महिलाओं पर हमला कर चुका है। उत्तरकाशी के ब्रह्मखाल इलाके में शनिवार देर रात ऐसा ही एक मामला सामने आया है। इलाके के बदाली गांव निवासी मगनू ब्रह्मखाल बाजार से देर रात गांव की ओर जा रहा था। इस दौरान आदमखोर बाघ ने मगनू पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। जब सुबह तक भी मगनू घर नहीं पहुंचा तो परिजन और गांव वाले उसे ढूंढने लगे। इसके बाद गांव से लगे जंगल में उसका क्षत-विक्षत शव मिला है।

वन विभाग को सूचना देने के बाद विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची है। पीड़ित के परिजनों को उचित मुआवजा देने की बात कही जा रही है। वहीं, आदमखोर बाघ के हमले के कारण ग्रामीण दहशत में हैं। उन्होंने इलाके में दहशत बन चुके आदमखोर को गोली मारने के आदेश देने के साथ ही इलाके में गश्त बढ़ाने और पिंजड़ा लगाने की मांग की है।