/ Nov 18, 2025
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MADHMAHESHWAR TEMPLE CLOSING: रुद्रप्रयाग जिले के गौंडार गांव में स्थित द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बुधवार, 18 नवंबर 2025 की सुबह शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद कर दिए गए। पंच केदार परंपरा के इस महत्वपूर्ण मंदिर में भगवान शिव की नाभि रूप में पूजा की जाती है, और कपाट बंद होने का यह वार्षिक अवसर स्थानीय परंपराओं और धार्मिक उत्साह से भरपूर रहा। मंदिर समिति द्वारा तय समयानुसार वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कपाट बंद हुए। आज सुबह ठीक 5 बजे से हक-हकूकधारी ग्रामीणों, आचार्यों और मंदिर समिति के सदस्यों की मौजूदगी में मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बंद करने की पावन प्रक्रिया आरंभ हुई।

डोली कपाट बंद होने के तुरंत बाद गोंडार गांव की ओर रवाना हुई, जहां उसका पहला रात्रि प्रवास होगा। परंपरा के अनुसार 19 नवंबर को डोली रांसी स्थित राकेश्वरी मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। इसके पश्चात 20 नवंबर को गिरिया पहुंचने के बाद 21 नवंबर की सुबह भगवान मध्यमहेश्वर की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर में विधिवत रूप से विराजमान की जाएगी। कपाट बंदी के तुरंत बाद 18 नवंबर से 20 नवंबर तक मनसूना में भगवान मध्यमहेश्वर की डोली आगमन पर तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा।

भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, मक्कूमठ में होगी पूजा-अर्चना
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