/ Nov 18, 2025
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UTTARAKHAND GAURAV SAMMAN 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक सादगीपूर्ण और गरिमापूर्ण समारोह में प्रख्यात हिंदी साहित्यकार स्वर्गीय शैलेश मटियानी को प्रदान किया गया “उत्तराखण्ड गौरव सम्मान–2025” उनके पुत्र राकेश मटियानी को सौंपा। यह सम्मान स्वर्गीय मटियानी के हिंदी साहित्य, विशेषकर आधुनिक कहानी साहित्य में अद्वितीय योगदान और उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के प्रति उनके उल्लेखनीय प्रयासों के सम्मान स्वरूप प्रदान किया गया। समारोह में मौजूद अतिथियों ने इस क्षण को राज्य की सांस्कृतिक धरती के लिए गर्व और सम्मान का विषय बताया।
सम्मान प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शैलेश मटियानी केवल एक साहित्यकार नहीं, बल्कि मानव संवेदनाओं के गहन अध्येता और जीवन-संघर्ष के अद्भुत कथाकार थे। उन्होंने कहा कि मटियानी जी ने अपनी लेखनी के माध्यम से आम आदमी की पीड़ा, संघर्ष और मानवीय अनुभूतियों को जिस प्रभावशाली शैली में अभिव्यक्त किया, वह उन्हें हिंदी साहित्य के शीर्ष रचनाकारों में विशिष्ट स्थान प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड सरकार हमेशा उन महान प्रतिभाओं को नमन करती है, जिन्होंने अपने कार्यों से सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को समृद्ध किया है।

UTTARAKHAND GAURAV SAMMAN 2025 कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय मटियानी की प्रसिद्ध कृतियों ‘बोरीवली से बोरीबंदर’, ‘मुठभेड़’, ‘अर्धांगिनी’, ‘चील’ जैसी कहानी-संग्रहों का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी कहानी-शैली आज भी उतनी ही प्रासंगिक है और नई पीढ़ियों को जीवन और समाज को समझने का दृष्टिकोण प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि मरणोपरांत यह सम्मान उनके परिवार को सौंपा जाना राज्य सरकार के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि साहित्यकारों का सम्मान समाज की समृद्धि और बौद्धिक प्रेरणा का द्योतक है।
स्वर्गीय शैलेश मटियानी के पुत्र राकेश मटियानी ने UTTARAKHAND GAURAV SAMMAN 2025 स्वीकार करते हुए उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि उत्तराखंड के सभी साहित्य प्रेमियों और शैलेश मटियानी जी के प्रशंसकों के लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण है। उन्होंने कहा कि मटियानी जी का साहित्य केवल कहानियों का संसार नहीं, बल्कि मानव जीवन का सच है, जिसे आने वाली पीढ़ियाँ हमेशा पढ़ेंगी और समझेंगी। समारोह में सचिव विनोद कुमार सुमन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी, साहित्यकार और मटियानी परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। पूरे आयोजन का वातावरण साहित्यिक सौंध और सम्मान की गरिमा से भरा रहा।

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