/ Oct 09, 2025

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चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा ने रचा नया इतिहास, बारिश-बर्फबारी के बावजूद यात्रियों का उत्साह चरम पर

CHAR DHAM YATRA 2025: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा इस बार नए कीर्तिमान बना रही हैं। बारिश और बर्फबारी जैसी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह कम नहीं हुआ है। केदारनाथ धाम ने जहां अब तक का नया रिकॉर्ड कायम किया है, वहीं हेमकुंड साहिब यात्रा ने भी इतिहास रच दिया है। अब तक केदारनाथ धाम में 16 लाख 52 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, जबकि धाम के कपाट बंद होने में अभी 14 दिन शेष हैं। पिछले वर्ष पूरे यात्राकाल में कुल 16 लाख 52 हजार 76 यात्रियों ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए थे। इस बार यह आंकड़ा पहले ही पार हो गया है।

CHAR DHAM YATRA 2025
CHAR DHAM YATRA 2025

केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैयादूज के दिन बंद होंगे। अभी यात्रा 15 दिन और चलेगी, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यह संख्या एक नया ऐतिहासिक स्तर पार कर जाएगी। बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में भी इस समय श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में जेसीबी मशीनों की तैनाती की गई है ताकि यात्रा मार्ग साफ रहे और यातायात सुचारू रूप से चलता रहे।

CHAR DHAM YATRA 2025
CHAR DHAM YATRA 2025

हेमकुंड साहिब में बना नया रिकॉर्ड, अब तक पहुंचे 2.71 लाख श्रद्धालु

CHAR DHAM YATRA 2025 के साथ-साथ हेमकुंड साहिब यात्रा ने भी इस वर्ष ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है। 25 मई से अब तक 2.71 लाख से अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में मत्था टेक चुके हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। पिछले साल यह संख्या 2.20 लाख थी, जबकि 2023 में 2.05 लाख और 2022 में 1.90 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। चमोली जिले में समुद्रतल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर की यात्रा को अत्यंत दुर्गम माना जाता हैइसके बावजूद इस बार देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं।

CHAR DHAM YATRA 2025
HEMKUND SAHIB YATRA 2025

CHAR DHAM YATRA 2025

इस वर्ष चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से हुई थी। इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे। मानसून के दौरान अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई थी। धराली जैसे प्रमुख पड़ाव पूरी तरह तबाह हो गए थे, जिससे गंगोत्री और यमुनोत्री यात्राएं कुछ समय के लिए रोकनी पड़ीं। लेकिन बारिश थमने के बाद प्रशासन ने युद्धस्तर पर बहाली कार्य किया और यात्रा को फिर से शुरू किया। यात्रियों को अभी भी मौसम के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

10 अक्टूबर को बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने CHAR DHAM YATRA 2025 से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी यात्रा मार्गों पर यात्री सुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और आपात स्थिति में राहत एवं बचाव कार्य में कोई देरी न हो। सभी अधिकारी अलर्ट मोड पर रहें ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा अनुभव मिल सके।

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