/ Sep 23, 2025
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UKSSSC PAPER LEAK: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले ने पूरे राज्य को हिला दिया है। 21 सितंबर को आयोजित इस परीक्षा का प्रश्न पत्र मात्र 35 मिनट बाद ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह उनकी मेहनत और भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ है। आयोग ने इसे पूर्ण पेपर लीक मानने से इंकार किया और कहा कि केवल तीन पन्ने लीक हुए हैं। बावजूद इसके, पुलिस ने जांच तेज करते हुए अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
पेपर लीक के खुलासे के बाद युवाओं का गुस्सा देहरादून के परेड ग्राउंड पर फूट पड़ा। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के नेतृत्व में सैकड़ों अभ्यर्थियों ने “पेपर चोर, गद्दी छोड़” जैसे नारे लगाए। संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने आरोप लगाया कि परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई और 11:35 बजे ही हरिद्वार के एक केंद्र से प्रश्न पत्र बाहर आ गया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर भ्रष्टाचार और नकल माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया। विरोध के कारण सड़कों पर जाम लग गया और पुलिस ने हालात को काबू में रखने के लिए धारा 163 लागू कर दी।
आयोग के अध्यक्ष गणेश सिंह मार्तोलिया ने सफाई देते हुए कहा कि यह किसी बड़े संगठित गिरोह का काम नहीं दिखता, बल्कि एक केंद्र से तीन पन्ने लीक हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि इन पन्नों को पढ़ना भी आसान नहीं था। आयोग ने स्पष्ट किया कि सभी केंद्रों पर मोबाइल जैमर लगाए गए थे, लेकिन इसके बावजूद यह घटना हुई। फिलहाल आंतरिक जांच चल रही है और देहरादून एसएसपी व एसटीएफ को पत्र भेजकर विस्तृत जांच की मांग की गई है। पुलिस ने भी कहा कि बड़े गैंग की संलिप्तता नहीं दिख रही, लेकिन जांच पूरी होने तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें उत्तरकाशी का कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह और उसका साथी पंकज गौर शामिल हैं। हाकम सिंह पहले भी कई पेपर लीक मामलों में पकड़ा जा चुका है। इसके अलावा टिहरी की प्रोफेसर सुमन और अभ्यर्थी खालिद को भी गिरफ्तार किया गया है। खालिद की बहन को लक्सर से हिरासत में लिया गया है, क्योंकि संदेह है कि वह भी इस साजिश का हिस्सा थी। अभियुक्तों पर 12 से 15 लाख रुपये की डील करने का आरोप है। देहरादून के रायपुर थाने में इनके खिलाफ उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पेपर लीक कांड ने राजनीतिक हलचल भी बढ़ा दी है। कांग्रेस नेता डॉ. हरक सिंह रावत ने भाजपा को “अपराधियों की पार्टी” करार दिया और “पेपर चोर, गद्दी छोड़” का नारा दिया। वहीं भाजपा विधायक खजान दास ने इसे धामी सरकार के खिलाफ विपक्ष की साजिश बताया। इंडियन यूथ कांग्रेस ने भी अभ्यर्थियों के आंदोलन का समर्थन किया। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने सख्त कानून बनाए, फिर भी बार-बार पेपर लीक की घटनाएं होना गंभीर सवाल खड़ा करता है।
अभ्यर्थियों ने स्पष्ट कहा है कि उनकी मेहनत और भविष्य बर्बाद हो रहा है। उनका कहना है कि जब तक दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे। एक अभ्यर्थी ने आक्रोश में कहा, “हमारी मेहनत बर्बाद हो गई, सरकार जिम्मेदार है।” फिलहाल आयोग ने परीक्षा रद्द करने का कोई निर्णय नहीं लिया है और एसटीएफ की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यह मामला अब उत्तराखंड की भर्ती प्रक्रिया और सरकार की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर चुका है।
UKSSSC पेपर लीक मामले में उत्तराखंड में बवाल, देहरादून में बेरोजगार संघ और कांग्रेस का प्रदर्शन
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