/ Sep 03, 2025
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NORTH INDIA HEAVY RAINFALL: भारत के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही चेतावनी दी थी कि सामान्य से अधिक बारिश होगी जो अब तक 109% से अधिक हो चुकी है। इसका असर उत्तर-पश्चिमी और हिमालयी राज्यों में साफ दिखाई दे रहा है। लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर और अन्य इलाकों में हालात बिगड़ चुके हैं। अब तक 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 30,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो चुका है।
पंजाब के 12 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों के उफान से 1,018 से 1,500 गांव डूब गए हैं। तीन लाख एकड़ से अधिक खेती की जमीन नष्ट हो गई है। अब तक 29 से 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 15 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से तीन लाख को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। लुधियाना का होजरी उद्योग और अमृतसर-फगवाड़ा का खाद्य प्रसंस्करण उद्योग बंद हो गया है। डेयरी सहकारी समितियों ने दूध की कमी की चेतावनी दी है। साथ ही 1.20 लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश में हालात सबसे गंभीर हैं। 20 जून से 30 अगस्त तक यहां 91 अचानक बाढ़, 45 बादल फटने और 93 बड़े भूस्खलन दर्ज किए गए। इस आपदा में 320 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग लापता हैं। कुल्लू-मनाली का संपर्क टूट गया है, क्योंकि ब्यास नदी ने राष्ट्रीय राजमार्ग-3 को बहा दिया। शिमला और कुल्लू में सेब के बागानों की 10,000 हेक्टेयर से अधिक जमीन बर्बाद हो गई है। चंबा के भरमौर में उफनते नाले के कारण मणिमहेश यात्रा रोकनी पड़ी और हजारों श्रद्धालु फंस गए। नाथपा झकरी समेत कई जलविद्युत संयंत्रों में गाद भर जाने से टर्बाइन बंद करनी पड़ी हैं।
जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाओं से रामबन, उधमपुर और रियासी में भूस्खलन हुआ। वैष्णो देवी तीर्थयात्रा मार्ग पर मलबा गिरने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई। तवी और झेलम नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे जम्मू और श्रीनगर में बाढ़ की स्थिति है। किश्तवाड़ के चशोती और पड्डर क्षेत्र में फ्लैश फ्लड से 40 लोगों की जान चली गई। गुरेज और रियासी में जमीन धंसने की घटनाओं ने भी लोगों को संकट में डाल दिया है। जम्मू में तवी नदी का उफान कई इलाकों को जलमग्न कर चुका है।
दिल्ली-एनसीआर में यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निकासी स्तर के करीब पहुंच गया है। यमुना बाजार इलाके में घरों में पानी भर गया है और लोग अपना सामान छत पर ले जाने को मजबूर हैं। मौसम विभाग ने आज भी बारिश की चेतावनी जारी की है। नोएडा में भी यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रशासन ने लोगों और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। दक्षिणी हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। गुरुग्राम की पॉश कॉलोनियों में जलभराव हो गया है और दिल्ली-गुरुग्राम मार्ग पर जाम लग गया। जयपुर में सिर्फ दो घंटे की बारिश से सड़कों पर डेढ़ से दो फीट पानी भर गया।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, भदोही और हापुड़ में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। वाराणसी के 84 घाट डूब चुके हैं और भदोही में गंगा पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। सड़कें बंद होने, उद्योग-धंधे ठप पड़ने और खेतों की बर्बादी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन हजारों लोग अब भी संकट में फंसे हुए हैं।(NORTH INDIA HEAVY RAINFALL)
उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही, कई जिले प्रभावित, जनजीवन अस्त-व्यस्त
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