/ May 29, 2025
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STF UTTARAKHAND: चारधाम यात्रा के दौरान देशभर से हजारों श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग करते हैं। श्रद्धालु अधिकतर ऑनलाइन माध्यम से टिकट बुक करते हैं। लेकिन इसी धार्मिक भावना का फायदा उठाकर साइबर ठग फर्जी वेबसाइटों, सोशल मीडिया पेजों और नकली विज्ञापनों के जरिए भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अब तक कई कड़े कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश और पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के मार्गदर्शन में एसटीएफ लगातार ऐसी ठगी को रोकने के लिए कार्रवाई कर रही है। वर्ष 2023 में एसटीएफ ने 64 फर्जी वेबसाइटों को ब्लॉक कराया था, जबकि 2024 में अब तक 18 फर्जी वेबसाइटों, 45 फेसबुक पेजों और 20 बैंक खातों को चिह्नित कर बंद कराया गया। 2025 में अब तक की गई कार्रवाई में 51 फर्जी वेबसाइट या URL को ब्लॉक किया गया है। इसके अलावा 111 मोबाइल नंबर जो ठगी में इस्तेमाल हो रहे थे उन्हें बंद किया गया, 56 बैंक खातों को फ्रीज किया गया और 30 व्हाट्सएप नंबरों को रिपोर्ट कर ब्लॉक कराया गया है।
इन सभी कोशिशों से अब तक सैकड़ों श्रद्धालुओं को ठगी से बचाया जा चुका है। इस अभियान को गृह मंत्रालय के अधीन चलने वाले ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर’ (I4C) के सहयोग से अंजाम दिया जा रहा है। DIG लॉ एंड ऑर्डर धीरेन्द्र गुंज्याल के नेतृत्व में Meta (फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर चलने वाले फर्जी पेजों और विज्ञापनों को रोकने के लिए भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्हें IT एक्ट की धारा 79(3)(b) के अंतर्गत Meta के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस अधिकार के तहत वे बार-बार Meta को कानूनी नोटिस भेजकर ऐसे फर्जी कंटेंट हटवाने की प्रक्रिया को तेज कर रहे हैं।
पूरी कार्रवाई की रोज़ाना निगरानी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह कर रहे हैं। उप निरीक्षक आशीष गुसाईं रोज़ संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस भेज रहे हैं। उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा गृह मंत्रालय, बैंक अधिकारियों, टेलीकॉम कंपनियों और Meta के नोडल अफसर अश्विन मधुसूदन के साथ लगातार संपर्क में रहते हुए कार्रवाई कर रहे हैं। वहीं निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल कानूनी प्रक्रिया का ध्यान रख रहे हैं और हर कदम की पुष्टि कर रहे हैं।
पिछले वर्ष STF UTTARAKHAND की कोशिशों से Google ने “केदारनाथ हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग” जैसे सर्च कीवर्ड्स पर रोक लगाई, जिससे फर्जी विज्ञापन दिखना काफी हद तक बंद हो गया। अब इसी तरह की कोशिश Meta पर भी की जा रही है, ताकि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फर्जी पेज और विज्ञापनों को रोका जा सके। STF ने इस कार्य में सहयोग के लिए I4C की तकनीकी टीम और Meta के अफसरों का विशेष आभार भी व्यक्त किया है। I4C टीम से जुड़े अधिकारियों में डॉ. राजेश कुमार (सीईओ), रूपा एम (निदेशक, TAU), रश्मि शर्मा यादव (पुलिस उपायुक्त), रुशी मेहता (तकनीकी प्रमुख), आशीष भारद्वाज और अन्य अधिकारी शामिल हैं।
साथ ही Meta के अश्विन मधुसूदन के तकनीकी सहयोग से फर्जी कंटेंट हटाने की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी बन पाई है। एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा और उप निरीक्षक आशीष गुसाईं की टीम ने पिछले वर्ष सबसे अधिक फर्जी वेबसाइटें बंद कराईं थीं। अब साइबर अपराधी वेबसाइट की बजाय फेसबुक पर पेज बनाकर विज्ञापन चलाकर लोगों को ठग रहे हैं। इसलिए STF ने अपनी रणनीति भी बदली है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी पैनी नजर रखी जा रही है।
STF UTTARAKHAND ने जनता से अपील की है कि केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा की टिकट केवल अधिकृत प्लेटफॉर्म IRCTC के माध्यम से ही बुक करें। किसी भी अनजान वेबसाइट, सोशल मीडिया पेज या फेसबुक विज्ञापन से टिकट बुक करने से बचें। अगर किसी फर्जी लिंक, वेबसाइट या विज्ञापन की जानकारी मिले तो तुरंत STF साइबर पुलिस स्टेशन की ईमेल ID – ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर भेजें। और अगर किसी तरह की साइबर ठगी हो जाती है, तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
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