/ Apr 18, 2025

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भारतीय नौसेना की बढ़ने वाली है ताकत, फ्रांस से खरीदे जायेंगे 26 राफेल मरीन फाइटर जेट

RAFALE MARINE DEAL: भारत ने समुद्री सुरक्षा को मज़बूत करने और हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की चुनौती का जवाब देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने 9 अप्रैल को फ्रांस से 26 राफेल मरीन फाइटर जेट खरीदने की 63,000 करोड़ रुपये से अधिक की डील को हरी झंडी दे दी है। इस डील के तहत भारत को 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर राफेल मरीन विमान मिलेंगे, जिन्हें स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। इन फाइटर जेट्स का बेस आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम स्थित INS डेगा में होगा।

RAFALE MARINE DEAL
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RAFALE MARINE DEAL: डिलीवरी 2 से 3 साल में शुरू हो सकती है

भारत और फ्रांस के बीच इस डील को लेकर कई महीनों से बातचीत चल रही थी। भारत चाहता था कि कीमतें 2016 की वायुसेना राफेल डील के अनुरूप ही तय हों। इस सौदे की शुरुआत 2023 में हुई जब प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस यात्रा पर गए थे और रक्षा मंत्रालय ने औपचारिक अनुरोध पत्र फ्रांस को भेजा था, जिसे दिसंबर 2023 में फ्रांस ने स्वीकार किया।  नई डील के तहत राफेल मरीन जेट की डिलीवरी 2 से 3 साल में शुरू हो सकती है। पहले एक साल में तकनीकी और लागत से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी होंगी। INS विक्रांत पर इन फाइटर जेट्स की तैनाती से भारत की समुद्री ताकत में बड़ा इजाफा होगा।

RAFALE MARINE DEAL
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ये है राफेल मरीन फाइटर जेट की खासियत

राफेल मरीन को खासतौर पर विमानवाहक पोतों के लिए डिजाइन किया गया है। यह फाइटर जेट न केवल ताकतवर इंजन और बेहतरीन लैंडिंग-टेकऑफ क्षमता से लैस है, बल्कि इसमें मीटियोर, स्कैल्प, हैमर और एंटी-शिप मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं। यह न्यूक्लियर फैसिलिटीज़ पर अटैक करने में सक्षम है और इसकी स्टील्थ तकनीक इसे दुश्मन के रडार से बचाती है। इसकी लंबाई 15.27 मीटर, चौड़ाई 10.80 मीटर, ऊंचाई 5.34 मीटर और वजन लगभग 10,600 किलो है।

RAFALE MARINE DEAL
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यह 1,912 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है और इसकी कॉम्बैट रेंज 3,700 किलोमीटर है। यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और इसमें फोल्डिंग विंग्स की सुविधा है, जिससे इसे विमानवाहक पोत में आसानी से रखा जा सकता है। राफेल मरीन का स्ट्रक्चर और लैंडिंग गियर समुद्री वातावरण और ऑपरेशन्स के लिहाज से ज्यादा मजबूत बनाया गया है। इस डील के तहत फ्रांस भारत को सिर्फ फाइटर जेट ही नहीं देगा, बल्कि साथ में हथियार, सिमुलेटर, ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी प्रदान करेगा। इनमें भारतीय जरूरतों के अनुसार तैयार किए गए लैंडिंग उपकरण भी शामिल होंगे।

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