/ Apr 18, 2025
All rights reserved with Masterstroke Media Private Limited.
SC TAMIL NADU VERDICT: सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल 2025 को तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि को बड़ा झटका देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा विधानसभा से पारित 10 विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजने की कार्रवाई को “अवैध और मनमाना” करार दिया। यह निर्णय तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर उस याचिका पर आया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल ने इन विधेयकों को महीनों और सालों तक रोके रखा और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद जल्दबाजी में इन्हें राष्ट्रपति को भेज दिया।
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि राज्यपाल का यह रवैया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 200 का सीधा उल्लंघन है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि विधानसभा किसी विधेयक को दोबारा पारित करके राज्यपाल को भेजती है, तो राज्यपाल के पास उसे मंजूरी देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता, जब तक कि दोबारा प्रस्तुत विधेयक पहले से पूरी तरह अलग न हो। इस फैसले के तहत कोर्ट ने उन 10 विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजने की प्रक्रिया को खारिज करते हुए कहा कि ये विधेयक उसी तारीख से स्वीकृत माने जाएंगे जिस दिन वे विधानसभा द्वारा दोबारा पारित होकर राज्यपाल को भेजे गए थे।
तमिलनाडु सरकार की ओर से कहा गया था कि राज्यपाल ने इन विधेयकों को जनवरी 2020 से अप्रैल 2023 तक लंबित रखा और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने के तुरंत बाद नवंबर 2023 में इन्हें राष्ट्रपति के पास भेज दिया। इन विधेयकों में राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति, तमिलनाडु लोक सेवा आयोग (TNPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति, और कैदियों की समयपूर्व रिहाई जैसे अहम विषय शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने “ऐतिहासिक” बताया। उन्होंने कहा कि यह न केवल तमिलनाडु की जनता की जीत है, बल्कि भारत के सभी राज्यों के अधिकारों की रक्षा में मील का पत्थर साबित होगा।
केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग आज से, रजिस्ट्रेशन के लिए खुलेंगे 60 ऑफलाइन काउंटर
देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज
All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.