/ Dec 10, 2024
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COMMON WINTER DISEASE: सर्दियों का मौसम अपने साथ ठंडक और नमी लेकर आता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। इन समस्याओं में सर्दी-जुकाम, जोड़ों का दर्द, नोरोवायरस संक्रमण, निमोनिया, कान का संक्रमण, गले का इन्फेक्शन और यहां तक कि हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं। ठंड के मौसम में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इन समस्याओं के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जानकारी रखना बेहद जरूरी है। आइए विस्तार से समझते हैं।
सर्दी-जुकाम या कॉमन कोल्ड राइनोवायरस के कारण होता है। ठंड के मौसम में धूप कम निकलने से शरीर में विटामिन D की कमी हो जाती है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है और सर्दी-जुकाम की आशंका बढ़ जाती है। इसके लक्षणों में गले में खराश, नाक से पानी बहना, बार-बार छींक आना, हल्का बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द शामिल हैं। बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना, हाथों को बार-बार धोना और संक्रमित लोगों से दूरी बनाना जरूरी है। अगर लक्षण तीन दिन से अधिक समय तक बने रहें तो डॉक्टर से संपर्क करें।
सर्दियों में जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द एक सामान्य समस्या है। ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं और जोड़ों में अकड़न बढ़ जाती है। जिन लोगों को गठिया या आर्थराइटिस की समस्या है, उनके लिए यह मौसम अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। दर्द से बचाव के लिए नियमित एक्सरसाइज करें, शरीर को गर्म कपड़ों से ढकें और खानपान में कैल्शियम व विटामिन D युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। दर्द बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह लें।
नोरोवायरस एक संक्रामक वायरस है, जो गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बनता है। सर्दियों की नमी इस वायरस को ज्यादा समय तक सक्रिय रखती है। इसके लक्षणों में जी मचलाना, उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन, हल्का बुखार और सिरदर्द शामिल हैं। बचाव के लिए साफ-सफाई बनाए रखना, हाथों को साबुन से धोना और पोषण युक्त आहार लेना महत्वपूर्ण है। यह बीमारी कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन अगर लक्षण बने रहें तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
निमोनिया एक गंभीर फेफड़ों का संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण होता है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है और इसके लक्षण कई हफ्तों तक रह सकते हैं। इसके लक्षणों में खांसी, तेज बुखार, सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत और अत्यधिक थकान शामिल हैं। बचाव के लिए सर्दियों में गर्म कपड़े पहनें, पौष्टिक आहार लें और सर्दी-जुकाम का समय पर इलाज करवाएं। संक्रमण होने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक या एंटीवायरल दवाइयां दे सकते हैं।(COMMON WINTER DISEASE)
सर्दी-जुकाम के दौरान कान में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ठंडी हवा और पानी के संपर्क में आने से यह समस्या गंभीर हो सकती है। इसके लक्षणों में कान में दर्द, सूजन, खुजली और कभी-कभी असामान्य ब्लीडिंग शामिल है। बचाव के लिए सर्दियों में कान को ढंककर रखें और नहाते समय सावधानी बरतें। संक्रमण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
ठंडी और प्रदूषित हवा गले में संक्रमण का मुख्य कारण है। सर्दियों में ड्राई और ठंडी हवा वायरस और बैक्टीरिया को तेजी से पनपने का मौका देती है। इसके लक्षणों में गले में दर्द, जलन, सूजन, आवाज बदलना और निगलने में परेशानी शामिल हैं। बचाव के लिए गुनगुने पानी से गरारे करें, विटामिन C युक्त आहार लें और खुद को हाइड्रेटेड रखें। संक्रमण गंभीर होने पर डॉक्टर की सलाह लें।
ठंड के मौसम में हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। ठंड से धमनियां सिकुड़ जाती हैं और हार्ट को ऑक्सीजन पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जिन लोगों को पहले से हृदय संबंधी समस्याएं हैं, उनके लिए यह खतरा और भी बढ़ जाता है। बचाव के लिए नियमित एक्सरसाइज करें, स्वस्थ आहार लें और धूम्रपान व शराब से दूर रहें। अगर सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सर्दियों में सर्दी-जुकाम से बचने के अपनाएं ये असरदार घरेलू उपाय
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