/ Oct 02, 2024
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गर्भवती महिलाओं को व्रत का संकल्प लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। उपवास के कारण शरीर में कमजोरी, डिहाइड्रेशन, और शुगर लेवल में कमी हो सकती है, जिसका प्रभाव मां और बच्चे दोनों पर पड़ सकता है। डॉक्टर की सलाह के बाद ही नवरात्रि के पहले और अंतिम दिन का उपवास रखना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में लंबे समय तक भूखा रहना थकान, एसिडिटी और सिरदर्द जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, थोड़ी-थोड़ी देर पर हेल्दी स्नैक्स लेना उचित होगा। व्रत के दौरान तली हुई चीजें, जैसे आलू चिप्स और टिक्की से बचें। इसके बजाय, भूने हुए मखाने, अखरोट, बादाम और किशमिश का सेवन करें। ये न केवल आपकी भूख को शांत करेंगे, बल्कि पोषण भी प्रदान करेंगे।
गर्भावस्था में हाइड्रेशन की आवश्यकता भी बढ़ जाती है। उपवास के दौरान पानी, नारियल पानी, छाछ और नींबू पानी का सेवन करें, लेकिन ध्यान रखें कि एक बार में बहुत सारा तरल न पिएं; इसे घूंट-घूंट करके पिएं। चाय और कॉफी की मात्रा भी सीमित रखें।
गर्भावस्था के दौरान ज्यादा देर तक खड़े रहने से बचें। नवरात्रि में पूजा करते समय बैठकर आराधना करना बेहतर होगा, ताकि थकान से बचा जा सके। इन सावधानियों को ध्यान में रखते हुए आप नवरात्रि का उपवास और पूजा सुरक्षित रूप से कर सकती हैं।
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