/ Sep 28, 2024

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Uttarakhand Land Law : तिवारी सरकार ने की शुरुआत, खंडूड़ी के समय हुई थी सख्ती, अब धामी सरकार तैयारी में जुटी

Uttarakhand Land Law : उत्तराखंड राज्य की स्थापना के साथ ही यहां जमीनों की खरीद-फरोख्त (Uttarakhand Land Law) को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी। एनडी तिवारी की सरकार ने इस दिशा में पाबंदियों की शुरुआत की, जिसे खंडूड़ी सरकार ने और भी सख्त किया। हालांकि, औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य की सरकारों ने इस मामले में कुछ ढील दी।

जब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से अलग हुआ, तब यहां वही पुराने कानून लागू थे, जिसके अनुसार जमीन खरीदने पर कोई पाबंदी नहीं थी। लेकिन 2003 में एनडी तिवारी की सरकार ने एक कानून में संशोधन किया, जिसके तहत बाहरी लोगों को आवासीय उपयोग के लिए 500 वर्ग मीटर जमीन खरीदने की अनुमति नहीं दी गई। इसके साथ ही, कृषि भूमि की खरीद पर भी शर्तें लगाई गईं।

Uttarakhand Land Law

जिलाधिकारी को 12.5 एकड़ तक कृषि भूमि खरीदने की अनुमति देने का अधिकार दिया गया था। चिकित्सा, स्वास्थ्य और औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि खरीदने के लिए सरकार से अनुमति लेना जरूरी कर दिया गया। तिवारी सरकार ने यह भी कहा था कि जिस परियोजना के लिए जमीन खरीदी गई है, उसे दो साल के भीतर पूरा करना होगा। अगर परियोजना समय पर नहीं पूरी होती, तो कारण बताने पर समय बढ़ाने का प्रावधान था।

Uttarakhand Land Law : 500 वर्ग मीटर भूमि खरीद की अनुमति को घटाकर 250 वर्ग मीटर कर दिया

खंडूड़ी सरकार ने आवासीय मकसद के लिए 500 वर्ग मीटर भूमि खरीद की अनुमति को घटाकर 250 वर्ग मीटर कर दिया। भू-कानून के अन्य प्रावधान तिवारी सरकार के समय तक लागू रहे। इसके बाद, 2017-18 में त्रिवेंद्र सरकार ने कानून में संशोधन किया, जिससे उद्योग स्थापित करने के लिए पहाड़ में जमीन खरीदने की अधिकतम सीमा और किसान होने की बाध्यता हटा दी गई। कृषि भूमि के उपयोग में बदलाव करना भी आसान कर दिया गया, और पर्वतीय क्षेत्र के साथ-साथ मैदानी क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया गया।

Uttarakhand Land Law

भू-कानून (Uttarakhand Land Law) की मांग बढ़ने पर, 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में एक समिति बनाई, जिसने 5 सितंबर 2022 को अपनी रिपोर्ट दी। इस समिति ने सशक्त भू-कानून के लिए 23 सुझाव दिए। सरकार ने इन सुझावों का अध्ययन करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया है। धामी सरकार ने कृषि और उद्यानिकी के लिए भूमि खरीदने से पहले खरीदार और विक्रेता की सत्यापन करने के निर्देश भी दिए हैं।

Uttarakhand Land Law : अगले साल के बजट सत्र में इस कानून का प्रस्ताव पेश किया जाएगा

प्रदेश में लगातार उठ रही मांग के बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने घोषणा की है कि उनकी सरकार एक बड़ा भू-कानून (Uttarakhand Land Law) लाने जा रही है। अगले साल के बजट सत्र में इस कानून का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 250 वर्ग मीटर आवासीय और 12.50 एकड़ अन्य भूमि के नियमों का उल्लंघन करने वालों की जमीन की जांच की जाएगी, और इसके बाद सरकार उन पर कार्रवाई करेगी।

Uttarakhand Land Law

उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम के अनुसार, राज्य से बाहर का व्यक्ति बिना अनुमति के 250 वर्ग मीटर जमीन खरीद सकता है। लेकिन राज्य का स्थायी निवासी बिना किसी सीमा के जमीन खरीद सकता है।

 

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