/ Sep 23, 2024
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सोमवार को BSE के शेयरों (bse share price) में 18% की बढ़ोतरी हुई और इसकी कीमत ₹3,420 प्रति शेयर तक पहुंच गई, जबकि Multi Commodity Exchange (MCX) के शेयरों में 5% की वृद्धि देखी गई। बाजार के विशेषज्ञों ने इस तेज़ी का कारण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा National Stock Exchange (NSE) और उसके पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कोलोकेशन मामले में लगाए गए आरोपों को वापस लेने को बताया।
विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले से NSE के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) का रास्ता साफ हो सकता है, जिसका असर अन्य सूचीबद्ध बाजार मध्यस्थों पर भी पड़ सकता है।
दिलचस्प बात यह है कि पिछले तीन वर्षों में NSE के अनलिस्टेड शेयर की कीमत लगभग तीन गुना बढ़ी है, और वर्तमान में यह ₹6,000 से ₹6,200 प्रति शेयर के बीच है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने सोमवार को बोनस शेयरों के क्रेडिट और ट्रेडिंग के समय को घटा दिया। अब आवंटित बोनस शेयर T+2 (ट्रेड के दो कार्य दिवस बाद) के आधार पर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे, जहां रिकॉर्ड डेट को ट्रेडिंग डे माना जाएगा।
बाजार नियामक ने उन कंपनियों को निर्देश दिया है जो बोनस इश्यू की योजना बना रही हैं, कि वे बोर्ड की मंजूरी के 5 कार्य दिवसों के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों से सैद्धांतिक मंजूरी के लिए आवेदन करें।
ट्रेडिंग के समय को कम करने के लिए Sebi द्वारा हाल ही में कई कदम उठाए गए हैं। इससे पहले, Sebi ने प्राथमिक बाजार में ट्रेडिंग का समय T+6 से घटाकर T+3 कर दिया था। Sebi अब माध्यमिक बाजार में T+0 यानी उसी दिन सेटलमेंट की भी टेस्टिंग कर रहा है।
Shapoorji Pallonji समूह की प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी Afcons Infrastructure को शुरुआती सार्वजनिक पेशकश (IPO) के जरिए ₹7,000 करोड़ जुटाने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) से अंतिम मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने 28 मार्च को Sebi के पास अपने IPO के दस्तावेज जमा किए थे। यह IPO ₹1,250 करोड़ के नए शेयर जारी करने और ₹5,750 करोड़ तक की बिक्री पेशकश का मिश्रण होगा।
bse share price में 18% की उछाल, Colo केस फैसले का असर
BSE के शेयरों में सोमवार को 18% की उछाल देखी गई। इस तेज़ी का कारण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा National Stock Exchange (NSE) और उसके पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कोलोकेशन मामले में आरोपों को हटाना बताया जा रहा है। इस फैसले से NSE के IPO का रास्ता साफ होने की उम्मीद है, जिसका असर अन्य बाजार मध्यस्थों पर भी पड़ सकता है।
इसके साथ ही, SEBI ने बोनस शेयरों की ट्रेडिंग का समय घटाकर T+2 (ट्रेड के दो कार्य दिवस) कर दिया है, जिससे शेयर बाजार में ट्रेडिंग प्रक्रियाओं में तेजी आएगी।
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