Home देश 14 साल गुजर जाने के बाद अब भी है जख्म हरे

14 साल गुजर जाने के बाद अब भी है जख्म हरे

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26 11 attack

26/11 Attack: भारत के इतिहास में काले पन्नों में लिखा गया ये दर्दनाक हादसा  

26/11 Attack: 2008 में हुए मुंबई बम धमाके को आज 14 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन जिस किसी ने भी ये दृश्य देखा वो आजतक उसे नहीं भूल पाया है। भारत के इतिहास में 26/11 उन काले दिनों में से है जिसमें 164 लोगों ने अपनी जान गवाईं।

26/11 आतंकवादियों (26/11 Attack) द्वारा किया गया अबतक का सबसे खतरनाक आतंकी हमला था जिसके जख्म अबतक लोगों के दिलों में हरे हैं। इस आतंकी हमले को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने अंजाम दिया था। इन आतंकवादियों ने 4 दिनों तक बड़ी ही बेरहमी से मुंबई के लोगों को अपना शिकार बनाया। इन हमलों में 164 लोगों की जानें गईं और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

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साल 2008 में हुआ 26/11 का ये हमला (26/11 Attack) पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किया गया था। ये आतंकी समुद्री मार्ग में भारत आए थे जिसका केवल एक ही मकसद था और वो था भारत में आतंक फैलाना और कुछ खतरनाक आतंकियों को जेल से छुड़वाना।

आपको बता दें कि इस हमले (26/11 Attack) की योजना काफी समय पहले बनाई जा चुकी थी। इस हमले के मुख्य आतंकियों के पास तीन सिम कार्ड थे जो उन्होंने भारत- बांग्लादेश सीमा से खरीदे थे। वहीं खबरों के मुताबिक ये भी खुलासा हुआ था कि एक सिम कार्ड अमेरिका के न्यू जर्सी से भी खरीदा गया था।

इसके बाद 21 नवंबर 2008 को इन 10 आतंकियों ने समुद्री रस्ते से पाकिस्तान से गुजरात होते हुए भारत में प्रवेश किया। इसी दौरान इन आतंकियों ने 4 मछुआरों को भी मौत के घाट उतार दिया था और नाव में मौजूद कप्तान को धमकी दी कि अगर वो उन्हें भारत में प्रवेश नहीं दिलवाएगा तो उसे भी मौत के घाट उतार दिया जाएगा।

इसके बाद 26 नवंबर 2008 को इन आतंकियों ने नाव के कप्तान को भी मौत के घाट उतार दिया और फिर स्पीडबोट से कोलाबा की तरफ गए। इसके बाद मुंबई में एंटर करते ही उन्होंने ताज, होटल नरीमन और ओबेरॉय ट्राइडेंट में हमला बोल दिया।

इन आतंकियों ने ताज होटल में करीबन 6 विस्फोट (26/11 Attack) किए जिसमें कई लोगों की जाने चली गई। आतंकवादियों द्वारा यहां लोगों को 4 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया। इस हमले में सभी आतंकी भी मारे गए, लेकिन इनमें से एक आतंकी जिसका नाम था मोहम्मद अजमल आमिर कसाब जिंदा पकड़ा गया और पकड़े जाने के 4 साल बाद यानी की 21 नवंबर 2012 को कसाब को फांसी दे दी गई।  

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