हरीश रावत स्टिंग केस में आज फैसला सुना सकती है सीबीआइ कोर्ट

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CBI 2016 case
CBI 2016 case

Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड के सियासी भूचाल वाले 2016 में हुए स्टिंग (2016 sting case) आपरेशन केस में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक मदन बिष्ट, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और विधायक उमेश कुमार के वॉइस सैंपल को लेकर सीबीआइ कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है।

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सीबीआई ने वॉइस सैंपल को लेकर कुछ दिनों पहले चारों नेताओं को नोटिस जारी किया था। 15 जुलाई को उनके वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया था कि यह मामला उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। इसलिए उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद ही इस पर सुनवाई की जानी चाहिए।

2016 Sting Case क्या था?

2016 में कांग्रेस की उस समय की सरकार में बगावत के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग (2016 sting case) सामने आया था। इसमें मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी सरकार को बचाने के लिए विधायकों का मोल भाव करते दिखाए गए थे। एक और स्टिंग सामने आया था जिसमें कांग्रेस के पुराने विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया।2016 Sting Case

इस स्टिंग में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के भी शामिल होने की बात कही गई। दावा किया गया कि इन दोनों स्टिंग को बनाने वाले उमेश कुमार हैं, जो की अब उत्तराखंड में ही खानपुर से विधायक हैं। उसके बाद प्रकरण की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। स्टिंग (2016 sting case) में जो आवाजें हैं उनके मिलाने के लिए वायस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआइ ने अदालत से मांगी थी। जिस पर आज फैसला आने की उम्मीद है, इससे दोबारा उत्तराखंड की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है।

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