देहरादून ब्यूरो- Uttarakhand Bharti Ghotala में एक और नाम जुड़ रहा है और वो है 2015 में हुई उत्तराखंड दरोगा भर्ती प्रक्रिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने विजिलेंस से इस मामले की जांच कराने के निर्देश दे दिये हैं।
2015 में हुई थी उत्तराखंड पुलिस दरोगा भर्ती
उत्तराखंड में पुलिस विभाग में 2015 में पुलिस दरोगा भर्ती प्रक्रिया हुई थी। 339 पदों पर यह सीधी भर्ती प्रक्रिया हुई थी। तब इस भर्ती परीक्षा को गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया गया था। Uttarakhand Bharti Ghotala में अब इस पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। पहले भी इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण को लेकर सवाल खड़े हुए थे।
Uttarakhand Bharti Ghotala: इसलिए उठ रहे हैं भर्ती प्रक्रिया पर सवाल
Uttarakhand Bharti Ghotala में जो सबसे बड़ा नाम जुड़ा वो है अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा स्नातक स्तर पर कराई गई भर्ती परीक्षा का है। जिसके बाद Uttarakhand Bharti Ghotala में कई भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इनमें से 2015 में हुई दरोगा भर्ती भी एक है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि उत्तराखंड एसटीएफ ने पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व असिस्टेंट एस्टेब्लिशमेंट अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी को गिरफ्तार किया। इस भर्ती प्रक्रिया को आयोजन पंतनगर विश्वविद्यालय ने किया था ऐसे में इस पर सवाल उठने भी लाजिमी हैं।
Uttarakhand Bharti Ghotala: मुख्यमंत्री ने दिये इस पर जांच के निर्देश
उत्तराखंड एसटीएफ जब Uttarakhand Bharti Ghotala पर लगातार पूछताछ कर रही तो 2015 में हुई दरोगा भर्ती में कई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। जब यह मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंचा तो उन्होंने इस पर जांच के निर्देश दिये। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने भी इस मामले में विजिलेंस जांच कराने का अनुरोध शासन किया था। जिसके बाद मुख्य सचिव एसएस संधू की अध्यक्षता में गठित समिति ने इस मामले की जांच विजिलेंस से कराने के आदेश जारी किये।
ये भी पढ़ें…
UKSSSC Paper Leak: अब आयोग भी घेरे में, बिना अनुबंध के कैसे 3 साल से परीक्षा करा रही थी RMS कंपनी