/ Nov 26, 2024
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टेक्सटाइल उद्योगपति और वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल (sp oswal) को एक साइबर क्राइम गैंग ने 7 करोड़ रुपये ठग लिए। गैंग ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अधिकारियों की तरह पेश होकर एक नकली वर्चुअल कोर्ट बनाई, जिसमें एक सदस्य ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ का रूप धारण किया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, धोखेबाजों ने ओसवाल (sp oswal) पर आरोप लगाया कि वह जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल हैं। गोयल को पिछले साल सितंबर में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था।
ओसवाल पर यह भी आरोप था कि उन्होंने अपने आधार का दुरुपयोग कर मलेशिया में नकली पासपोर्ट और डेबिट कार्ड के साथ एक पार्सल भेजा और फिर उन्हें नकली गिरफ्तारी वारंट से धमकाया गया।
धोखेबाजों ने एक स्काइप कॉल के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का भी फर्जी नाटक किया, जिसमें कोई व्यक्ति मुख्य न्यायाधीश के रूप में पेश हुआ।ओसवाल (sp oswal) को व्हाट्सएप के जरिए एक “दस्तावेज़” भेजा गया, जिसमें लिखा था कि उन्हें 7 करोड़ रुपये एक सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट में जमा करने का निर्देश दिया गया था।
ओसवाल (sp oswal) ने कहा, “फर्जी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान, उन्होंने जज को न्यायाधीश चंद्रचूड़ के रूप में पेश किया, हालाँकि मैं उनका चेहरा नहीं देख सका। लेकिन मैंने उनकी आवाज सुनी और टेबल पर हथौड़ा मारने की आवाज सुनी। लिखित SC आदेश इतना सही और स्टांप वाला था कि मैंने इसे असली मान लिया और राशि ट्रांसफर कर दी।”
उन्होंने यह भी बताया कि, “मुझे सुप्रीम कोर्ट के कुछ और फर्जी दस्तावेज़ भी मिले, जिसमें केस का नाम ‘जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ बनाम श्री पॉल ओसवाल’ लिखा था।”
ओसवाल (sp oswal) ने तब पुलिस से संपर्क किया जब उनकी कंपनी के एक वरिष्ठ सदस्य ने मामले के विवरण में असंगतियों की ओर इशारा किया।
रिपोर्टों के अनुसार, authorities ने अब तक 5.25 करोड़ रुपये की रिकवरी की है और इसे ओसवाल के बैंक खाते में वापस कर दिया गया है।
यह भी बताया गया कि 31 अगस्त को मामले में पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने के बाद, पुलिस ने एक अंतर-राज्य गैंग की पहचान की और गुवाहाटी में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
लुधियाना पुलिस ने सीबीआई के नकली अधिकारियों बनकर वर्धमान इंडस्ट्री के मालिक एसपी ओसवाल (sp oswal) से 7 करोड़ रुपये ठगने वाले अंतर-राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है। पुलिस ने गुवाहाटी से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल और दिल्ली से संबंधित सात अन्य आरोपियों का भी पता लगाने में सफलता प्राप्त की है।
5 करोड़ 25 लाख रुपए रिकवर
साइबर क्राइम सेल की टीम ने इस गिरोह का पता सिर्फ 48 घंटे में लगा लिया और गुवाहाटी से दो आरोपियों, अतनु चौधरी और आनंद कुमार चौधरी, को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा, 5 करोड़ 25 लाख रुपए भी रिकवर कर लिए गए हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के अनुसार, 5 करोड़ 25 लाख 600 रुपए की यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी है। मामले में 6 एटीएम और तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं।
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