ग्रामीणों ने क्यों कहा कि अगर कोई नेता वोट मांगने आया तो डंडो से मारकर भगाएंगे?

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टिहरी (संवाददाता- बलवंत रावत): टिहरी जनपद के घनसाली विधानसभा के अंतर्गत सीमांत गांव द्वारा पुल नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए गए। उत्तराखंड में

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डबल इंजन की सरकार ने समण गांव तक सड़क तो पहुंचा दी मगर शायद गांव से कई किमी0 बीच के पड़ाव में पुल लगाना भूल गई।

आपको यह सुनकर हैरानी जरूर होगी कि क्या आपने कभी यह सुना है कि गांव तक सड़क तो पहुंच गयी मगर जब नदी के ऊपर पुल ही नही बना है तो बिना पुल के अब उस सड़क के एक छोर से दूसरी छोर तक वाहन जाए तो कैसे जाए।

दरअसल 2015 में समण गांव के लिए सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली जिसके बाद 2018 तक गांव में बिना पुल के सड़क निर्माण का कार्य किया गया। जिसके बाद शायद पीएमजीएसवाई के अधिकारी कर्मचारी और ठेकेदार पुल निर्माण का कार्य करना ही भूल गए।

सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा बड़ी बड़ी मशीन नदी में उतार कर गांव तक सड़क पहुंचा दी उस वक्त ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे यह सोचकर कि गांव तक सड़क तो पहुंच चुकी है अब बस पुल का निर्माण होते ही ग्रामीण पुल से अपने वाहनों की आवाजाही कर सकेंगे। मगर ग्रामीणों को क्या पता था कि 4 साल बीतने के बाद भी गांव तक वाहन नही पहुंच पाएंगे।

ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है। ग्रामीणों का कहना है कि पछले विधानसभा चुनाव में 1200 वोटरों के समण गांव के ग्रामीणों ने भाजपा विधायक को वोट देकर विजय बनाया था। जिसके बाद एक बार गांव आना तो दूर विधायक जी उनका फोन तक नहीं उठाते है। नाराज ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव से पहले अगर उनके पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जाता है तो कोई नेता या पार्टी के लोग अगर उनके गांव में वोट मांगने आया तो ग्रामीण उन्हें डंडों से मारकर भगाएं।

ग्रामीणों का कहना है कि उत्तराखंड बने 21 साल हो गए मगर आज वह अपने आप को ब्रीटिश सरकार के अधीन मानते है जहां आजतक की उत्तराखंड की सरकारें गांव का विकास नहीं कर पाई है। लोगों का कहना है कि गांव की प्रसव पीड़ा और कई बीमार लोग सड़क के आभाव के चलते समय पर इलाज न मिलने से रास्ते मे ही दम तोड़ देते हैं। महंगाई के इस दौर में जो जरूरी सामान हम बाजारों से खरीदकर गांव तक लाते है वो सामान बाजार के भाव से अधिक गांव तक लाने में पैसा खर्च करना पड़ रहा है। ऐंसे में समण गांव के ग्रामीणों में आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर काफी आक्रोश दिख रहा है। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारी रामजी शरण शर्मा ने कहा कि चुनाव बहिष्कार करने से हम लोकतंत्र की प्रक्रिया से बाहर हो जाते हैं जो प्रतिनिधित्व होता है वह नहीं हो पाता है। हम ग्रामीणों से प्रार्थना करते हैं कि अपनी सहभागिता अबश्य दें साथ ही उनकी मांगों में लगभग पूरा कार्य हो चुका है। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद कार्य पूरा कर दिया जाएगा।

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