उत्तराखंड परिवहन निगम चारधाम यात्रियों से वसूल रहा दोगुना किराया
देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड परिवहन निगम बस से चारधाम की यात्रा करने वाले यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहा है। एक तरफ की बजाय रोडवेज के बस चालक और कंडक्टर दोनों तरफ का किराया वसूल रहे हैं। इसके पीछे कारण भी ऐसा बताया जा रहा है जो किसी के गले नहीं उतर रहा है। परिवहन निगम के अफसरों के अनुसार वापसी के वक्त बसें खाली आती हैं, इसलिए यात्रियों से दोनों तरफ के किराये से भी ज्यादा वसूला जा रहा है। ऐसे में यात्रियों में आक्रोश व्याप्त है। हालांकि निजी बसें और टैक्सी-मैक्सी चालक भी चारधाम जाने वाले यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं।
बता दें कि उत्तराखंड में परिवहन निगम की बसों के साथ ही सभी वाहनों का किराया राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) तय करता है। इससे पहले यात्रियों का किराया फरवरी 2020 में तय किया गया था। उस दौरान जारी आदेश के अनुसार रोडवेज बसों का किराया पर्वतीय रूट पर 1.72 रुपये प्रति किलोमीटर तय किया गया था। हालांकि तब से लेकर अब तक महंगाई भी चरम पर पहुंच गई है, लेकिन जब तक एसटीए किराया तय नहीं करता तब तक परिवहन निगम के साथ अन्य यात्री वाहन कैसे मनमाना किराया वसूल रहे हैं यह बड़ा सवा है। दो साल बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा में आने वाले लोगों में इस खुली लूट के खिलाफ आक्रोश व्यप्त है।
दरअसल, चारधाम यात्रा में रोडवेज ने भी बसों का संचालन शुरू किया है। रोजाना 15 से ज्यादा बसें ऋषिकेश से बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए चल रही हैं। ऋषिकेश से बदरीनाथ की दूरी 292 और केदारनाथ की 240 किमी है। इस हिसाब से बदरीनाथ का किराया 502 और केदारनाथ का 412 रुपये प्रति यात्री होना चाहिए, लेकिन बदरीनाथ का 1100 और केदारनाथ का किराया 800 रुपये वसूला जा रहा है। इसके अलावा उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों की निजी बसें, टैक्सी-मैक्सी और टैंपो ट्रैवलर वाले मनमाना किराया वसूल रहे हैं। सभी वाहनों का किराया एसटीए ने तय कर रखा है, लेकिन कोई भी इसका पालन नहीं कर रहा है।
इस संबंध में उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन के अनुसार चारधाम यात्रा का किराया बढ़ाया गया था, लेकिन अब उसे वापस ले लिया है। हम एसटीए की ओर से तय किराया ही ले रहे हैं। प्राइवेट बस वाले बहुत ज्यादा किराया ले रहे हैं। निजी बस संचालक बदरीनाथ का किराया 1670 रुपये ले रहे हैं।
दूसरी ओर इस संबंध में आरटीओ देहरादून दिनेश पठोई के अनुसार रोडवेज बसों में ज्यादा किराया वसूलने की शिकायत आई है। परिवहन निगम के अफसरों ने बताया कि उनकी बसें वापसी में खाली आती हैं, इसलिए दोनों तरफ का किराया वसूला जा रहा है। फिलहाल किराया वापस लेने के लिए कह दिया गया है। उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों को यदि कांटेªक्ट कैरिज पर चलने की अनुमति मिलती है तो दोनों तरफ का किराया बस कंडक्टर ले सकते हैं।