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महाशिवरात्रि के पर्व पर देवाल कौथिग का हुआ आगाज, जानिए क्या है मान्यता

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थराली (संवाददाता- मोहन गिरी): पिंडर एवं कैल नदी के तट पर बसे देवाल में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आयोजित तीन दिवसीय देवाल कौथिग का कलश यात्रा

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एवं सुप्रसिद्ध छोलिया नृत्य के साथ रंगारंग आगाज हो गया है। मेले में बधाणी लोक कला संस्कृति समिति सूना थराली के कलाकारों के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।

गढ़वाल की पिंडर घाटी एवं कुमाऊं की कत्यूर घाटी के लोगों की दशकों से मशहूर देवाल कौथिग सांस्कृतिक एवं पर्यटन मेले का शुभारंभ महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर तीन दिवसीय अगाज के तहत देवाल, सेलखोल, इच्छोली, कैल, हाट कल्याणी के साथ ही हिमालयन पब्लिक स्कूल देवाल के द्वारा छौलिया नृत्य के साथ मेला मंच से देवाल बाजार, पूराना बाजार, शिव मंदिर, एसबीआई बाजार होते हुए वापस मंच तक भव्य यात्रा निकाली। इसके बाद मंच पर देवाल के ब्लाक प्रमुख डॉ दर्शन दानू ने मेलें का दीप प्रज्ज्वलित करते हुए मेले का विधिवत उद्घाटन किया।

इस मौके पर मेला कमेटी के अध्यक्ष हरीश पांडे, महामंत्री जितेंद्र बिष्ट व सुरेंद्र खत्री,  व्यापार संघ अध्यक्ष सुरेंद्र रावत, पूर्व प्रमुख उर्मिला बिष्ट,नंदी कुनियाल, पुष्पा नेगी, देवाल प्रधान संगठन के अध्यक्ष राजेन्द्र बिष्ट, सांसद प्रतिनिधि नरेन्द्र बिष्ट, लखन रावत, महावीर बिष्ट, आलम सिंह बिष्ट, भाजपा मंडल अध्यक्ष शीतल गड़िया, पिंडारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष युवराज बसेड़ा, कमल गड़िया, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, कैल के प्रधान जीवन मिश्रा, पूर्णा के मनोज कुमार, मेलखेत के उर्वीदत्त जोशी, लौसरी के अरविंद भंडारी, पूर्व जेष्ठ प्रमुख हरेंद्र कोटेड़ी, क्षेपंस पान सिंह तुलेरा, हीरा सिंह बिष्ट, हरीश गड़िया, कर्मचारी नेता कपूर मिश्रा आदि मौजूद थे। इस मौके पर बधाणी संस्कृति समिति सूना थराली के कलाकारों के रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

आपको बता दें कि देवाल कौथिंग हमें अपनी पौराणिक सभ्यता की जानकारी देती हैं। देवाल कौथिंग का उद्घाटन करते हुए देवाल के ब्लाक प्रमुख डॉ दर्शन दानू ने कहा कि देवाल कौथिंग पौराणिक कौथिग हैं। इस मेले में कुमाऊं एवं गढ़वाल की एक साथ सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक झलक दिखाई पड़ती हैं। उन्होंने इस मेले को और अधिक विकसित बनाने के लिए सामुहिक जरूरत की आवश्यकता पर बल दिया।

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