/ Sep 23, 2024
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JITIYA VRAT 2024: अश्विन माह की शुरुआत हो चुकी है, और इस महीने कई प्रमुख त्योहार आते हैं, जैसे नवरात्रि, जितिया, शरद पूर्णिमा, और पितृ अमावस्या। अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए जितिया व्रत रखती हैं। यह व्रत रखने से संतान पर कोई संकट या विपदा नहीं आती और उनका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है। इस साल 25 सितंबर को जितिया का व्रत है। जितिया का व्रत कई कठिन व्रतों में से एक है, क्योंकि इसमें 24 घंटे से ज्यादा बिना अन्न और जल के रहना पड़ता है।
व्रत के दौरान कुछ गलतियों से बचना चाहिए, नहीं तो इसका नकारात्मक असर संतान पर पड़ सकता है। आइए जानते हैं, माताओं को कौन-कौन सी गलतियों से बचना चाहिए। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि अष्टमी तिथि के बाद अन्न और जल का त्याग करना चाहिए। नवमी तिथि के बाद ही पारण करना होता है, कई लोग नवमी तिथि में ही पारण कर लेते हैं, जो गलत है, क्योंकि इससे व्रत निष्फल हो सकता है। जितिया पारण के दिन स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ देने के बाद ही पारण करें। इस दिन गाय को भोजन कराना ना भूलें, क्योंकि इससे सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जितिया व्रत के दिन मन, वचन और कर्म को शुद्ध रखना चाहिए। तभी व्रत सफल माना जाएगा।
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