/ Nov 05, 2025
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INDIAN NAVY IKSHAK: भारतीय नौसेना अपनी सर्वेक्षण और समुद्री क्षमताओं को और मजबूत करने जा रही है। इसी दिशा में ‘सर्वेक्षण पोत (वृहद)’ यानी एसवीएल श्रेणी के तीसरे और दक्षिणी नौसेना कमान में शामिल होने वाले पहले जहाज ‘इक्षक’ का जलावतरण 6 नवंबर को कोच्चि नौसेना बेस में एक भव्य समारोह में किया जाएगा। इस कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे और जहाज को आधिकारिक रूप से नौसेना की सेवा में शामिल करेंगे।

इक्षक जहाज को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने बनाया है। यह भारत की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीकी क्षमता का शानदार उदाहरण है। इस पोत में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी उपकरणों और सामग्रियों का उपयोग किया गया है। यह न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता को दिखाता है, बल्कि जीआरएसई और देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के बीच बढ़ते सहयोग को भी मजबूत करता है।

‘इक्षक’ शब्द संस्कृत में ‘मार्गदर्शक’ का अर्थ रखता है। अपने नाम की तरह ही यह पोत भारत के समुद्री मार्गों का मार्गदर्शन करेगा। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह बंदरगाहों, तटों और नौवहन चैनलों में गहरे समुद्री सर्वेक्षण कर सके। इस सर्वे से मिले आंकड़े न केवल समुद्री यात्रा को सुरक्षित बनाएंगे, बल्कि देश की रणनीतिक और सुरक्षा ढांचे को भी मजबूती देंगे। इक्षक को कई आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। इसमें हाई-रिजॉल्यूशन मल्टी-बीम इको साउंडर, ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV), रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) और चार सर्वे मोटर बोट (SMB) लगे हैं। यह सभी उपकरण समुद्र के अंदर के नक्शे और आंकड़े बेहद सटीक तरीके से तैयार करेंगे।

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