“1978 के फाॅरेस्ट एक्ट में परिवर्तन के बाद ही बच सकते हैं जलते जंगले”

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जंगल में रहे लग रही आग को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने वन मंत्री सुबोध उनियाल पर साधा निशाना

देहरादून (त्रिपुरारी मिश्रा): उत्तराखंड कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने राज्य के विभिन्न वनों में लग रही आग को लेकर सरकार और वन मंत्री सुबोध उनियाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कितने हेक्टेयर जंगल जल रहे हैं। उन्हें गाड़ी से निकलने में दिक्कत हो रही थी। उन्होंने कहा कि 1978 के फॉरेस्ट एक्ट में हालात के अनुसार आमूलचूक परिवर्तन किया जाना चाहिए। उस समय कुछ और हालात थे जब फॉरेस्ट एक्ट लगा था। आज के हालात बदल चुके हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा ने जो कदम उठाया था उसे आज भी लागू किया जाना चाहिए। पर्वतीय इलाकों में सब्सिडी दी जाए जिससे लोग अपने विकास को बाधित कर के जंगलों को बचा सकें। हमें जंगलों में आम आदमी के हकों को जिंदा करना होगा। जब तक हम लोगों की आवश्यकता जंगलों से नहीं जुड़ेंगे और जब तक लोगों को जंगलों से भावनात्मक नहीं जुड़ेंगे तब तक कोई इसका निदान नहीं है।

KARAN MAHRA

उन्होंने वन मंत्री सुबोध उनियाल पर निशाना साधते हुए कहा फायर वाचर कहां है? उनकी संख्या इतनी कम क्यों है और हम रोजगार भी देते थे। हम जंगलों को भी बचाते थे। फायर कटलाइन बनती थी। कहां है हमारे फॉरेस्ट के ही लोग जो पुराने हैं। वह बताते हैं कि कंट्रोल पावर कराई जाती थी फॉरेस्ट, लेकिन अब उत्तराखंड के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं।