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Door To Hell: 19 साल तक खुदाई करने के बाद क्यों वैज्ञानिकों ने अचानक बंद किया काम

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Door To Hell: क्या वैज्ञानिकों को सचमुच हुए नर्क के दर्शन?

Door To Hell: सड़कों पर आपने कई गड्ढे देखें होंगे, लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि एक देश ने अपने 19 साल, एक गड्ढ़े को खोदने में लगा दिए जिसे नर्क का द्वार नाम दिया गया। सवाल ये हैं कि आखिरकार क्यों इस देश ने अपने रिसोर्सेस को 19 साल तक इस काम में लगाया, क्या सचमुच ये गड्ढ़ा नर्क (Door To Hell) की ओर जाने वाला गड्ढ़ा है।

Door To Hell: रूस द्वारा खोदा गया 12 किलोमीटर गहरा गड्ढ़ा

दरअसल जिस गड्ढ़े की हम बात कर रहें हैं वो रूस में मौजूद है। इस गड्ढ़े को रूस के वैज्ञानिकों द्वारा 1970 में खोदना शुरू किया था और लगातार 19 सालों तक इसे खोदने के बाद 1989 में इस गड्ढ़े की खुदाई को रोक दिया गया। 19 साल तक इस गड्ढ़े को 12 किलोमीटर से भी ज्यादा गहराई तक खोदा गया और फिर अचानक इस गड्ढ़े की खुदाई को रोक दिया गया।  

कोला सुपरदीप बोरहोल
Source: Social Media

अब सवाल ये आता है कि आखिरकार क्यों वैज्ञानिकों द्वारा लगातार 19 सालों तक कड़ी महनत के बाद अचानक इस गड्ढ़े की खुदाई को रोक दिया गया। क्या वैज्ञानिकों को सचमुच नर्क के दर्शन हो गए थे या इसके पीछे की कोई और वजह थी।

क्या रूस अमेरिकी वैज्ञानिकों को देना चाहता था टक्कर?

दरअसल रूस के वैज्ञानिकों ने ऐसा अमेरिका के वैज्ञानिकों को टक्कर देने के लिए किया। रूसी वैज्ञानिक धरती के आरपार एक होल करना चाहते थे लेकिन 12262 मीटर तक खुदाई करने के बाद कुछ ऐसा हुआ कि वैज्ञानिकों को इस प्रोजेक्ट को यही बंद करना पड़ा।

जैस-जैसे जमीन में मशीनें गहराई में खुदाई करती रही वैसे-वैसे खुदाई कर रही मशीनों का तापमान (Door To Hell) बढ़ता चला गया और जब 12 किलोमीटर से ज्यादा गहराई तक ये मशीनें पहुंची तो इन मशीनों ने काम करना ही बंद कर दिया। आपको बता दें कि उस वक्त जमीन का तापमान नापा गया था और वो था 180 डिग्री सेलसियस। जिसके बाद तुरंत इस खुदाई को रोक दिया गया।

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इस गड्ढ़े को वैज्ञानिकों द्वारा क्यों दिया गया Door To Hell नाम?

वैज्ञानिकों द्वारा इस गड्ढ़े को नाम दिया गया Door To Hell यानी की नर्क का दरवाजा। इस होल को कोला सुपरदीप बोरहोल के बाम से जाना जाता है। रूस द्वारा धरती के आरपार एक होल बनाने का कार्य वैज्ञानिकों को यहीं पर रोकना पड़ा और जितनी इस गड्ढ़े की गहराई है वो धरती के आरपार होल बनाने की 2 % भी नहीं थी।

आपको बता दें कि अगर किसी देश को धरती के आरपार होल करना है तो उसे 12742 किलोमीटर तक खुदाई करनी होगी। पृथ्वी की अलग-अलग परतों की बात की जाए तो इसकी ऊपरी परत ही 70 किलोमीटर गहरी है, वहीं पृथ्वी का केंद्र 6371 किलोमीटर है।   

12 किलोमीटर खोदने के बाद क्यों रोकी गई गड्ढ़े की खुदाई

अब आपको बताते दें कि क्यों 12 किलोमीटर तक खुदाई करने के बाद जमीन का तापमान इतना ज्यादा बढ़ गया। दरअसल जैसे-जैसे वैज्ञानिक जमीन में गहराई पर गए वैसे-वैसे धरती का तापमान बढ़ता गया क्योंकि वैज्ञानिक धरती के कोर के नजदीक जाते रहे जिसके कारण जमीन का तापमान भी बढ़ता चला गया और इस कार्य को वहीं पर रोकना पड़ा।

आपको बता दें कि इस गड्ढ़े की खुदाई के लिए दुनिया की सबसे अनोखी मशीन का इस्तेमाल किया गया था, जिसका नाम उरलमाश था। ये एक मल्टी लेयर ड्रिलिंग सिस्ट मशीन थी जो 15000 मीटर की गहराई तक खुदाई करने में सक्षम थी।

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