Diamond Planet: वैज्ञानिकों को मिला हीरों से भरा ग्रह
Diamond Planet: आज जहां टेक्नोलॉजी इतनी आगे बढ़ गई है वहीं आज भी वैज्ञानिकों के लिए अंतरिक्ष के कई हिस्से पहेली बने हुए हैं। इन्हीं पहेलियों में से एक अनसुलझी पहेली है अंतरिक्ष में मौजूद हिरों का ग्रह (Diamond Planet) जो पूरा हिरों से भरा हुआ है अब ये सुनकर आपको हैरानी तो जरूर हो रही होगी और साथ ही दिमाग में ये भी आ रहा होगा कि आखिर क्यों वैज्ञानिक उस ग्रह पर जाकर ढ़ेर सारे हीरे नहीं ला रहे और एक ही ग्रह पर इतने सारे हीरे कैसे आए होंगे। तो इस हीरे के ग्रह से जुड़े सभी सवालों के जवाब आपको आज मिलेंगे।
अंतरिक्ष के रहस्यों को सुलझाने के लिए वैज्ञानिक अक्सर कई अंतरिक्ष मिशन्स पर रहते हैं और इन रहस्यों को सुलझाते सुलझाते उन्हें कभी कभी कुछ नया मिल जाता है जैसे की कुछ वैज्ञानिकों को मिला हीरों से भरा ग्रह (Diamond Planet).
इस ग्रह (Diamond Planet) को अगर आप देखेंगे तो आपको इसके आगे कोहिनूर की चमक भी फीकी नजर आएगी। इस ग्रह को हीरों का ग्रह (Diamond Planet) जरूर कहा जाता है लेकिन असल में इस ग्रह का नाम है 55 कैंक्राई- ई (55 Cancri E). आपको बता दें कि 30 अगस्त 2004 को वैज्ञानिकों द्वारा रेडियल वेलॉसिटी के जरिए इस ग्रह की खोज की गई थी।
आपको जानकर हैरानी होगी कि हीरों से भरा ये ग्रह (Diamond Planet) सूरज का चक्कर नहीं लगाता बल्कि ऐसे सितारे का चक्कर लगाता है जिसमें कार्बन का अनुपात काफी अधिक मात्रा में होता है, इसी कारण इस ग्रह को एक्सो- प्लैनेट्स के नाम से भी जाना जाता है।
वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में ये मालूम पड़ा है कि इस ग्रह का तापमान 2000 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये ग्रह जिस तारे के इर्द- गिर्द चक्कर लगाता है वो इस ग्रह के काफी नजदीक है, ये ग्रह (Diamond Planet) तारे के इतना नजदीक है कि ये अपना एक साल मात्र 18 घंटों में पूरा कर लेता है।
अब आ जाते हैं इस मुद्दे पर कि आखिर कैसे इस ग्रह पर इतनी अधिक मात्रा में हीरे मौजूद हैं। दरअसल इस ग्रह पर काफी अधिक मात्रा में कार्बन पाई जाती है और इस ग्रह पर अधिक टेम्प्रेचर होने की वजह से इसकी पूरी सतह हीरे में तब्दील हो चुकी है।
रिपोर्ट्स की माने तो इतना ज्यादा टेम्प्रेचर कार्बन को हीरे (Diamond Planet) में बदल देता है इसी कारण इस ग्रह की पूरी सतह हीरे की है। वहीं पृथ्वी से इस ग्रह (Diamond Planet) की दूरी की बात की जाए तो दोनों ग्रहों के बीच की दूरी 40 प्रकाश वर्ष की है। यही वजह है कि इंसान इस ग्रह पर नहीं पहुंच सकता और न ही यहां से हीरे लेकर आ सकता है।
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