देहरादून का युवा लाइसेंसी बंदूकें और कारतूस बेचते- बेचते बन गया हथियारों का सौदागर

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दिल्ली पुलिस ने अवैध हथियारों के साथ 6 को पकड़ा

देहरादून ब्यूरो- शुक्रवार को दिल्ली में पुलिस ने 6 लोगों को अवैध रूप से हथियारों के लिए कारतूस बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसने पास से दो हजार से अधिक जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। इन 6 आरोपियों में एक देहरादून का युवा परीक्षित नेगी भी गिरफ्तार हुआ है। परीक्षित नेगी देहरादून में रॉयल आर्म्स देहरादून के नाम से लाइसेंसी बंदूक और कारतूस बेचने का काम करता है। लेकिन अब यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि कैसे परीक्षित इस धंधे के आढ़ में हथियारों का सौदागर बन गया। पुलिस इस मामले में जांच में जुट गई है। देहरादून के एसएसपी ने इस मामले में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और पूरे मामले की छानबीन करने की निर्देश दिये हैं।

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परीक्षित नेगी देहरादून में पहले पटेल रोड में दुकान चलाता था। पुलिस के अनुसार परीक्षित नेगी देहरादून के सात आर्म्स डीलरों में एक है और अब राजीव भवन कांप्लेक्स में अपनी रॉयल आर्म्स देहरादून के नाम से दुकान चलाता है। यहां लाइसेंसी बंदूक बेचने और कारतूस बेचने के साथ परीक्षित ने पहले नियमानुसार ट्रांसपोर्ट का लाइसेंस लिया और अन्य राज्यों में भी कारतूस और हथियार बेचने शुरू कर दिये। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार परीक्षित ने अमृतसर के एक गन हाउस में 14 हजार कारतूस बेचने का ट्रांसपोर्ट लाइसेंस भी लिया था। इसके अलावा वह अन्य राज्यों में भी आर्म्स सप्लाई करता था। लेकिन लंबे समय से उसने कोई भी लाइसेंस नहीं लिया था। अब वह कैसे हथियार लेकर दिल्ली पहुंच गया इसकी छानबीन की जा रही है। बताया यह भी जा रहा है कि दुकान कई दिनों से बंद थी। अब कैसे वैध हथियार बेचते- बेचते वह अवैध हथियार बेचने लगा इस पर छानबीन चल रही है। पुलिस ने भी उसके द्वारा बेचे गये हथियार और कारतूस की छानबीन शुरू कर दी है। इसके साथ ही पुलिस इस की भी छानबीन कर रही कि परीक्षित केवल हथियारों की सप्लाई तक सीमित था या फिर वह किसी गिरोह का साथ मिलकर ये काम तो नहीं कर