“सीपीए की पहली बैठक में संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हुआ गहन मंथन”

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राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की अंतरराष्ट्रीय बैठक में उत्तराखंड की पहली महिला स्पीकर ऋतु समेत 51 देशों के प्रतिनिधि हुए शामिल

देहरादून, ब्यूरो। भारत में पहली बार आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की अंतरराष्ट्रीय स्तर की कार्यकारी समिति की बैठक की मेजबानी असम राज्य द्वारा की गई। गुवाहाटी विधानसभा के परिसर में आयोजित बैठक का शुभारंभ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा किया गया। इस दौरान उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने भी कार्यकारी समिति के सदस्य के तौर पर प्रतिभाग किया।

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असम विधानसभा के सभागार में पहली बार आयोजित इस बैठक में 51 राष्ट्रमंडल देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। जिसमें से 15 देशों के प्रतिनिधि सभागार में उपस्थित हुए, जबकि 36 देशों के प्रतिनिधि वर्चुअली जुड़े रहे। इस अवसर पर सीपीए के कार्यवाहक अध्यक्ष इयान लिडेल-ग्रिंगर, असम के राज्यपाल प्रोफेसर जगदीश मुखी, असम विधानसभा के अध्यक्ष, बिस्वजीत दैमारी, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी मौजूद रहे।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक लोकतांत्रिक कैसे बनाया जाए इस पर चर्चा की गई। वही बैठक के दौरान सीपीए की उप समितियों की रिपोर्ट, सीपीए की मेंबरशिप रिपोर्ट एवं सीपीए की वार्षिक रिपोर्ट कार्यकारी समिति के समक्ष रखी गयी। विधान सभा अध्यक्ष ने बताया है कि कार्यकारी समिति द्वारा राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की गतिविधियों और व्यवसाय के नियंत्रण और प्रबंधन पर चर्चा की गयी।

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