Home उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 अपनों ने फंसाया भाजपा-कांग्रेस को चुनावी चक्रव्यूह में, हार भी सकते हैं...

अपनों ने फंसाया भाजपा-कांग्रेस को चुनावी चक्रव्यूह में, हार भी सकते हैं ये दिग्गज!

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देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज होकर चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे कई प्रत्याशी राष्ट्रीय पार्टियों भाजपा-कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। 70 विधानसभा सीटों में से 13 सीटों पर भाजपा कांग्रेस के बागी नेता निर्दलीय रूप से चुनावी दंगल में अपने ही पार्टी के प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। इनमें भाजपा की जहां आठ सीटों पर निर्दलीय बागी कड़ी टक्कर दे रहें हैं जबकि पांच सीटों पर कांग्रेस के असंतुष्ट और बागी निर्दलीय लोगों का समर्थन लेकर पार्टी प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। कहीं न कहीं दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के रणनीतिकारों के लिए भी यह 13 सीटें चुनौती बनी हुई हैं। इनमें पूर्व सीएम हरीश रावत से लेकर तमाम ऐसे प्रत्याशी हैं जो बागी प्रत्याशियों से हलकान हैं।

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विपक्ष के रूप में प्रदेश में पांच साल तक रही कांग्रेस की पांच सीटों पर भी बागी नेताओं ने अपनी ताल ठोंक कर पार्टी प्रत्याशियों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। कुछ सीटों को छोड़ दें तों कांग्रेस की पांच सीटों पर चुनौती पार्टी से नाराज बागी नेताओं ने मुसीबत खड़ी कर रखी है। यमुनोत्री में जहां टिकट न मिलने के बाद कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के सामने चुनाव मैदान में खड़े संजय डोभाल कड़ी टक्कर दे रहे हैं वहीं, रुद्रप्रयाग में मातबर सिंह कंडारी, घनसाली में भीमलाल आर्य, रामनगर में संजय नेगी और लालकुंआ सीट पर संध्या डालाकोटी ने पार्टी के प्रत्याशी हरीश रावत तक को मुश्किल में खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि कौन प्रत्याशी किसे चुनावी रण में पटखनी देता है।

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बात भाजपा की करें तो पार्टी की आठ सीटों पर स्थिति उलझी हुई नजर आ रही है। भाजपा प्रत्याशियों के लिए कोटद्वार में धीरेंद्र चौहान, डोईवाला में जीतेंद्र नेगी, धर्मपुर में बीर सिंह पंवार, रुद्रपुर से राजकुमार ठुकराल, भीमताल से मनोज शाह, धनोल्टी में महावीर रांगड, घनसाली में दर्शन लाल और लालकुंआ में पवन चौहान ने पार्टी प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। भाजपा इन बागी नेताओं पर कार्रवाई भी कर चुकी है फिर भी इन नेताओं ने खुद की जीत सुनीश्चित हो न हो लेकिन पार्टी प्रत्याशियों के चुनावी समीकरण जरूर उलझा दिए हैं।

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