एसडीएम ने पीड़ित परिवारों को मंदिर परिसर में शिफ्ट करवाया, खाने-पीने के सामान की व्यवस्था भी की
देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक दिन पहले भीषण आग से एक-दो नहीं पूरी 45 झोपड़ियां राख हो गई। इसमें रखा सारा सामान भी जल गया जिससे इन झोपड़ियों में गुजर-बसर करने वाले परिवारों के सामने बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। खाना बनाते समय चूल्हे से उठी चिंगारी से एक झोपड़ी ने आग पकड़ी। इसके बाद देखते ही देखते पूरी 45 झोपड़ियां राख हो गई। पुलिस और अग्निशमन विभाग की गाड़ियों ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जानकारी के अनुसार देहरादून जनपद के भाऊवाला क्षेत्र के सुंदर वन में जिस वक्त आग लगी तब दो-तीन परिवार ही खाना बना रहे थे। चूल्हे की चिंगारी से एक झोपड़ी में आग लगी, जिसके बाद परिवार वालों के सामने ही सामने सारी झोपड़ियां जलकर खाक हो गईं। सूचना मिलने के बाद एसडीएम विनोद कुमार, तहसीलदार सोहन लाल रांगड़ ने भी माके पर जाकर हालात देखे। उन्होंने पीड़ित परिवारों को भाऊवाला के एक मंदिर परिसर में शिफ्ट करवाया। सभी परिवारों के खाने-पीने की व्यवस्था भी प्रशासन की ओर से करवाई गई है।
इस झुग्गी बस्ती में सभी बिहार के श्रमिक परिवार रहते हैं। झुग्गी बस्ती में आग लगने की सूचना के बाद सेलाकुई थानाध्यक्ष मनमोहन सिंह नेगी और अग्निशमन अधिकारी रमेश चंद टीम के साथ पहुंचे। इसके बाद सारे मजदूर परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए। अनाज, बिस्तर, कपड़े आदि सब कुछ जलने के कारण श्रमिक परिवारों के सामने भरण पोषण और रात बिताने की समस्या खड़ी हो गई है। आग से अवधेश, देवेश, सूरज, ललकू, ज्ञानेश्वर, शंकर, अशोक, अनिरुद्ध, कुलदीप, प्रमोद आदि मजदूर परिवार प्रभावित हुए हैं। विधायक सहदेव सिंह पुंडीर ने मौके पर जाकर पीड़ितों से बात की और मदद का आश्वासन दिया। महंगाई के इस दौर में मजदूर परिवारों के पास खाने-पीने और पहनने आदि का संकट पैदा हो गया है। हालांकि प्रशासन ने फिलहाल व्यवस्था की है, लेकिन इन सभी परिवारों को एक बार फिर से अपनी झोपड़ियां खड़ी करने के लिए संघर्ष करना होगा। एक-एक कपड़ा, बिस्तर, बर्तन से लेकर तमाम जरूरत की चीजों के लिए भी जूझना होगा। कई मजदूरों के घर में रखे पैसे, कागजात से लेकर तमाम आवश्यक चीजें भी आग में खाक हो गई है।