/ Nov 25, 2025
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BADRINATH DHAM CLOSING: उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा का समापन चरण अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। भू-बैकुंठ कहे जाने वाले बदरीनाथ धाम के कपाट आज यानी मंगलवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर समिति और प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारियां कर ली हैं। कपाट बंद होने की प्रक्रिया दोपहर बाद शुरू होगी और ठीक 2 बजकर 56 मिनट पर विधि-विधान के साथ भगवान बदरी विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हो जाएंगे। इस पावन अवसर के साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु धाम पहुंच चुके हैं। इसके साथ आर्मी बैंड ने भी कपाट बंद होने की पूरी तैयारी कर ली है।
कपाट बंद होने से पहले की धार्मिक परंपराओं के तहत पंच पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार का दिन बेहद खास और भावुक कर देने वाला रहा। पंच पूजा के चौथे दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की गई। रावल अमरनाथ नंबूदरी समेत अन्य पुजारियों और धर्माधिकारियों ने लक्ष्मी मंदिर में जाकर मां लक्ष्मी को कढ़ाई का प्रसाद चढ़ाया। रावल ने भगवान नारायण की ओर से माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होने का निमंत्रण दिया।

इस एतिहासिक और धार्मिक क्षण को भव्य बनाने के लिए बदरीनाथ मंदिर को फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। सजावट के लिए लगभग 10 से 12 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल किया गया है। 26 नवंबर को उद्धव जी, कुबेर जी और शंकराचार्य जी की गद्दी डोली पांडुकेश्वर के लिए रवाना होंगी। आपको बता दें कि 21 नवंबर से ही धाम में पंच पूजाएं शुरू हो गई थीं। इससे पहले गणेश जी, आदि केदारेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल के कपाट बंद होने के साथ ही मंदिर में वेदों का वाचन भी बंद कर दिया गया था। अब अगले छह महीने तक भगवान बदरी विशाल शीतकालीन प्रवास पर रहेंगे और वहीं उनकी पूजा-अर्चना की जाएगी।

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