Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड में बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड के बाद अंकिता (Ankita Murder Case) के परिजनों को न्याय दिलवाने के मद्देनजर कांग्रेस द्वारा 17 जुलाई से जिला मुख्यालया पौड़ी में स्वाभिमान न्याय यात्रा शुरू की जानी थी जिसको एक बड़ा झटका लगा है। अब अंकिता के परिजनों ने कांग्रेस की इस स्वाभिमान पदयात्रा को अपना समर्थन देने से इनकार कर दिया है।
आपको बताते चलें कि अंकिता के परिजनों द्वारा पिछले लंबे समय से अंकिता हत्याकांड की पैरवी कर रहे सरकारी वकील को बदलने की मांग की थी जिसके समर्थन में कांग्रेस द्वारा स्वाभिमान पदयात्रा निकाली जा रही थी मगर अब जब सरकारी वकील द्वारा खुद को अंकिता हत्याकांड कैश से अलग कर दिया गया है तो अंकिता के परिजनों ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए स्वाभिमान पदयात्रा में शामिल ना होने पर अपनी सहमति जता दी है।
Ankita Murder Case: सरकार से सहमत अंकिता के परिजन
इस पूरे मामले में जिलाधिकारी पौड़ी डॉ आशीष चौहान ने बताया की सरकारी वकील ने खुद को अंकिता हत्याकांड (Ankita Murder Case) के से अलग कर दिया है जिसके बाद अंकिता के परिजनों ने किसी भी राजनीति पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में जाने से खुद को अलग कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो भी अन्य वकील अंकिता हत्याकांड की पैरवी के लिए नियुक्त किया जाएगा। वह वकील अंकिता के परिजनों की सलाह के बाद ही इस हत्याकांड की पैरवी करेगा।
जिस पर सहमति जताते हुए अंकिता के परिजनों ने सरकार का आभार व्यक्त किया है। वहीं इस पूरे मामले में कांग्रेस नेत्री अनीता रावत ने कहा कि हालांकि अंकिता के परिजनों ने उनकी स्वाभिमान पदयात्रा में आने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि जाने क्यों अंकिता के परिजन किस दबाव में आकर इस तरह का फैसला ले रहे हैं। मगर इसके बावजूद उनकी स्वाभिमान पदयात्रा अंकिता (Ankita Murder Case) को न्याय दिलवाने के लिए लगातार जारी रहेगी।
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