/ Sep 27, 2025
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UTTARAKHAND DISASTER MANAGEMENT: मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आज सचिवालय में आपदा प्रबन्धन विभाग एवं विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ उत्तराखण्ड डिजास्टर प्रिपेयर्डनेस एंड रेजिलिएंट प्रोजेक्ट (यू-प्रिपेयर) के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट के तहत प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर प्रेषित किए जाएं और सभी कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि परियोजना प्रबंधन इकाई को 31 अक्टूबर 2025 तक ड्राफ्ट सीईआरसी संचालन मैनुअल और ड्राफ्ट आपातकालीन कार्य योजना तैयार करनी है।
बैठक में वर्ल्ड बैंक के अधिकारियों ने जानकारी दी कि परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू), परियोजना कार्यान्वयन इकाइयां (पीआईयू) और क्षेत्रीय परियोजना कार्यान्वयन इकाइयां (एफपीआईयू) स्थापित की जा चुकी हैं। इनमें से कुछ पदों पर नियुक्तियां हो चुकी हैं और भर्ती प्रक्रिया सक्रिय रूप से चल रही है। अधिकारियों ने बताया कि 29 पुलों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जिसमें उल्लेखनीय भौतिक और वित्तीय प्रगति दर्ज की गई है।
इसके अलावा वेब आधारित प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) भी शुरू की गई है, जबकि मोबाइल ऐप सुरक्षा ऑडिट के बाद शीघ्र ही लॉन्च किया जाएगा। बैठक में यह भी बताया गया कि परियोजना से प्रभावित परिवारों को भूमि मुआवजा प्रदान किया गया है और शिकायत निवारण तंत्र पूरी तरह कार्यात्मक हो चुका है। इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, विनोद कुमार सुमन एवं अपर सचिव आनन्द स्वरूप सहित वर्ल्ड बैंक के अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में उत्तराखण्ड भूकम्प जोखिम मूल्यांकन एवं शमन (यूईआरएएम) के सम्बन्ध में भी बैठक ली। इस बैठक में आईआईटी रूड़की और वाडिया हिमालयन भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड का एक बड़ा भू-भाग भूकम्प के लिहाज से जोन-5 में आता है, इसलिए यूईआरएएम के तहत ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए जिनसे मानवीय और आर्थिक नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।
मुख्य सचिव ने भवन निर्माण के लिए भूकम्प संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कुछ मापदंड तय करने की आवश्यकता पर बल दिया और भूकम्परोधी भवनों के लिए सीबीआरआई के साथ एमओयू किए जाने की बात कही। इस अवसर पर सचिव विनोद कुमार सुमन, अपर सचिवआनन्द स्वरूप, आईआईटी रूड़की, वाडिया हिमालयन भू-विज्ञान संस्थान और सीबीआरआई के वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
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