/ Jan 09, 2025
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TATA TRUSTS: रतन टाटा की मौत के बाद टाटा ग्रुप में कुछ बड़े बदलाव सामने आए हैं। रतन टाटा के निधन के बाद टाटा ग्रुप की कमान उनके भाई नोएल टाटा को सौंपी गई थी। नोएल टाटा ने चेयरमैन का पद संभालते ही कई अहम फैसले लिए, जिनमें से एक सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट (SRTII) के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में अपनी बेटियों को शामिल करना था। नोएल टाटा की दोनों बेटियां, माया और लीह, अब SRTII के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का हिस्सा बन गई हैं। इससे पहले इस पद पर अरनाज कोटवाल और फ्रेडी तलाटी कार्यरत थे, लेकिन उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया।
अरनाज कोटवाल ने इस पर नाराजगी जताते हुए साथी ट्रस्टियों को पत्र लिखा और बताया कि उन्हें बिना सीधी बातचीत के इस्तीफा देने को मजबूर किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे इस्तीफा लेने के लिए दबाव बनाया गया ताकि माया और लीह को उनकी जगह दी जा सके। अरनाज कोटवाल ने अपने पत्र में यह भी बताया कि उन्हें दुबई में रहते हुए बुर्जिस तारापोरवाला, जो ट्रस्ट के कार्यकारी अधिकारी हैं, के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी गई। इसके बाद उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ट्रस्ट के अन्य सदस्यों ने इस फैसले पर कोई चर्चा नहीं की और उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई।
नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं – माया, लीह, और नेविल टाटा। वर्तमान में तीनों टाटा के विभिन्न ट्रस्ट्स का हिस्सा हैं, लेकिन मुख्य ट्रस्ट, सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में अभी तक उन्हें शामिल नहीं किया गया है। SRTII टाटा ट्रस्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो टाटा संस की होल्डिंग कंपनी के दो प्रमुख शेयरधारकों में से एक है। इससे पहले भी नोएल टाटा अपने फैसलों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उन्होंने ग्रुप में लागत को कम करने के लिए चीफ फाइनेंस ऑफिसर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के पदों को खत्म कर दिया था।(TATA TRUSTS)
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