Devbhoomi News

Main Menu

  • अंतर-राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • पॉलिटिक्स
  • क्राइम
  • रंग देवभूमि के
  • जिलेवार खबरें
    • उत्तरकाशी
    • चमोली
      • थराली
    • रुद्रप्रयाग
    • टिहरी गढ़वाल
    • देहरादून
      • ऋषिकेश
    • पौडी गढ़वाल
    • पिथौरागढ़
    • बागेश्वर
    • अल्मोड़ा
    • चंपावत
    • नैनीताल
    • ऊधम सिंह नगर
    • हरिद्वार
      • रुड़की
  • प्रेरक कहानियाँ
  • एंटरटेनमेंट
  • स्पोर्ट्स
  • More…
    • पोलिटिकल स्टोरी
Sign in / Join

Login

Welcome! Login in to your account
Lost your password?

Lost Password

Back to login

Devbhoomi News

Devbhoomi News

  • अंतर-राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • पॉलिटिक्स
  • क्राइम
  • रंग देवभूमि के
  • जिलेवार खबरें
    • उत्तरकाशी
    • चमोली
      • थराली
    • रुद्रप्रयाग
    • टिहरी गढ़वाल
    • देहरादून
      • ऋषिकेश
    • पौडी गढ़वाल
    • पिथौरागढ़
    • बागेश्वर
    • अल्मोड़ा
    • चंपावत
    • नैनीताल
    • ऊधम सिंह नगर
    • हरिद्वार
      • रुड़की
  • प्रेरक कहानियाँ
  • एंटरटेनमेंट
  • स्पोर्ट्स
  • More…
    • पोलिटिकल स्टोरी
धार्मिक कथाएं
Home›धार्मिक कथाएं›रक्षाबंधन के ही दिन उत्तराखंड के इस मंदिर में क्यूं होती है पत्थरबाजी

रक्षाबंधन के ही दिन उत्तराखंड के इस मंदिर में क्यूं होती है पत्थरबाजी

By Devbhoomi News
August 5, 2022
1
0
Share:

यूं तो रक्षाबंधन के दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि रक्षाबंधन के दिन उत्तराखंड में एक ऐसा मेला लगता है जहां पर लोग एक दूसरे पर पत्थर बाजी करते हैं। यहां पर लोग ऐसा क्यों करते हैं ये हम आज आपको बताते हैं।

इस मेले को उत्तराखंड का बगवाल मेला कहा जाता है और ये मेला देवीधुरा में लगने वाला कुमांऊ का प्रसिद्ध मेला है। इस मेले में पत्थर बाजी के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है और एक खास बात, यहां पर तब तक पत्थरबाजी होती है जब तक इसांन के शरीर से खून न निकल जाए।

इस पत्थरबाजी में आसपास के 4 गांव शामिल होते हैं और ये लोग एक दूसरे पर पत्थर बाजी करते हैं. पत्थरबाजी के पीछे स्थानीय लोगों की मान्यता ये है कि इससे देवी प्रसन्न होती है और गांव के लोगों में शांति बनी रहे और वहां कोई आपदा ना आए।
मान्यता है कि बराही देवी ने देवीधुरा के घनघौर वन को बावन हजार वीर और चौंसठ योगनियों के आतंक से मुक्ति दिलाई थी और इसके बदले में उन्होंने हर साल नर बलि की मांग की थी।

पौराणिक कथाओं के अनुसार हर साल रक्षाबंधन के दिन यहां पर चार गांव में से एक नर बलि दी जाती थी। एक बार नरबलि देने के लिए एक महिला के पोते की बारी आई। महिला ने अपने पौते की नरबलि देने से इंकार कर दिया।
फिर चारों गांवों को ये डर सताने लगा कि यदि नर बलि नहीं दी गई तो मां नाराज हो जाएंगी। फिर काफी सोच विचार कर गांव वाले एक निर्णय पर पहुंचे। गांव वालों ने कहा कि हर साल रक्षाबंधन के दिन इतना खून बहाएंगे जितना की एक इंसान के पूरे शरीर में होता है। और उस दिन से पत्थरबाजी की परंपरा शुरु हुई।

आपको बता दें कि ये करीब एक हफ्ते का मेला लगता है लेकिन पत्थरबाजी सिर्फ रक्षाबंधन के दिन ही होती है।
युद्ध के दौरान बांस की छनी छतोलियों से लड़ाके अपना बचाव करते हैं। जिस समय ये युद्ध हो रहा होता है तब मंदिर के पुजारी मंदिर में बैठकर मां बाराही की पूजा अर्चना करते रहते हैं। और जब पुजारी मैदान में पहुंचकर शंखनाद करते हैं तो चारों गांवो के लोग पत्थरों के इस खेल को रोक देते हैं। और इसके बाद सभी लोग एक दूसरे को गले लगाते हैं।
साथ ही इस मंदिर के बारे में ये भी मान्यता है कि खुली आंखों से माता की मूर्ति को देखने वाला भक्त अंधा हो जाता है। इसी के चलते मूर्ति को ताम्रपेटिका में रखा गया है। ये मंदिर नैनीताल जिले से लगे पाटी विकासखंड के देवीधुरा में स्थित है।

Previous Article

बढ़ती महंगाई के बीच एक और झटका, ...

Next Article

एसटीएफ के रडार पर उत्तरकाशी का एक ...

0
Shares
  • 0
  • +
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

Related articles More from author

  • धार्मिक कथाएं

    मृत लोग कैसे करते हैं अपने परिजनों से संपर्क

    August 3, 2022
    By Devbhoomi News
  • धार्मिक कथाएं

    अर्थी को कंधा देने से पहले जान लीजिए ये बातें नहीं तो हो सकता है अपशकुन

    August 1, 2022
    By Devbhoomi News
  • धार्मिक कथाएं

    जानिए सिर्फ भारत में ब्रह्मा जी का क्यूं है एकमात्र मंदिर

    August 4, 2022
    By Devbhoomi News
  • धार्मिक कथाएं

    इनकी पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है

    April 14, 2022
    By Devbhoomi News
  • धार्मिक कथाएं

    Hariyali Teej 2022 : कब है तीज, क्यों मनाते हैं ये त्योहार

    July 29, 2022
    By Devbhoomi News
  • devbhoomi
    धार्मिक कथाएं

    Nidhivan Mystery : निधिवन में रात को रुका और हो गया पागल !

    April 18, 2022
    By Devbhoomi News

  • उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022

    कांग्रेस ने यहां निकाली विजय शंखनाद रैली, प्रीतम सिंह का किया भव्य स्वागत

  • काम की खबरहरिद्वार

    तबादले…इस जिले में 4 निरीक्षक और 9 उप निरीक्षक किए इधर से उधर

  • Crimeरुड़की

    जमीनी विवाद में युवक की हत्या, पुलिस ने तीन को लिया हिरासत में