अजीबो गरीब दिखने वाले जानवर

0
491

यूं तो हमारे आसपास बहुत से जीव जंतु रहते हैं कुछ ऐसे होते हैं जो विल्कुल नॉर्मल होते हैं लेकिन बहुत से जानवर ऐसे होते हैं जो शारीरिक बनावट और स्वभाव में एक दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं। इनकी अजीबोगरीब आकृति देखकर आप भी आश्चर्य में पड़ सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि विश्व के यह विचित्र जानवर कौन से हैं.
मार्खोर बकरी पहाड़ी प्रजातियों में से एक है. ये प्रजाति दुर्लभ है और विलुप्त होने की कगार पर है. ऐसी बकरी का शिकार करने का अर्थ है अपराध करना…

मार्कोल बकरी का नाम उसके सर्पिले सींगों के कारण रखा गया है…इन बकरियों की गर्दन और छाती पर लंबे काले बालों की झाड़ी होती है… इनका एक बकरी का वजन 90 किलो हो सकता है..इनके सींग किनारों पर थोड़े चपटे होते हैं और बायां सींग दाई ओर और दांया सींग बांई ओर मुड़ा हुआ होता है…. सबसे ज्यादा बार मार्खोर भारत के उत्तर पश्चिम में , पाकिस्तान के पूर्वी भाग में तुर्क मेनिस्तान के चरम पूर्वी बिंदुओं में देखे गए है…. मार्खोर ऐसे जानवर हैं जो छोटे समूहों में रहना पसंद करते हैं…. विशेष रुप से ये जानवर सर्दी और पतझड़ के मौसम में समूहों में इकट्ठा होते हैं…

  1. रोक्सेलाना
    ये बंदर और बंदरों से बिल्कुल अलग दिखते हैं इनमें नर बंदर मादा बंदरों से बड़े होते हैं… और नर बंदरों का रंग भूरा और काला होता है वहीं मादा बंदरों का रंग सूरज की रोशनी में एकदम चमकता हुआ सफेद दिखाई देता है..
  2. एम्परर तमारिन :- नत्थू लाल के बाद अगर किसी की मूंछे दमदार हैं तो वो है एम्पेरेर तामरिन की ….आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इनकी जो मुंछे होती हैं वो इनके चेहरे से भी बड़ी होती हैं और इनकी पूंछ की अगर बात की जाए तो इनकी पूंछ शरीर से भी ज्यादा बड़ी होती है। जो ज्यादातर ग्रुप में रहना पसंद करती है इनमें से कुछ मांसाहारी भी होते हैं जो मेंढक या मछली को भी खा जाते हैं …
  3. मलया क्लोलुग :- इसे उड़ने वाला बंदर भी कहा जाता है लेकिन यह दोनों बातें बिल्कुल गलत है क्योंकि ये न तो उड़ता है और ना ही बंदर है क्लोलुग एक ऐसा जानवर है जो अपने पंखों से एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगा सकता है जो काफी कमजोर होते हैं और पेड़ों के ऊपर रहना पसंद करते हैं
  4. नेकेड मोल रैट्स चूहों की एक ऐसी प्रजाति है जो कई खूबियों से लैस होती है। नेकेड मोल रैट्स को कैंसर नहीं होता, उनके ऊपर आम जीव-जंतुओं के मुकाबले बढ़ती उम्र का कम असर होता है और वे 20 मिनट तक बिना ऑक्सिजन के भी जिंदा रह सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, दर्द सहने की उनकी क्षमता भी तमाम जीव-जंतुओं से कहीं ज्यादा होती है। लेकिन इन चूहों में एक बहुत बुरी आदत भी है। ये एक-दूसरे के बच्चों को किडनैप कर लेता हैं और उनको गुलाम बना लेते हैं। 10 सेंटीमीटर तक के छोटे से कद वाले ये चूहे बड़ी-बड़ी कॉलोनियों में रहते हैं.
  5. मैक्सिकन एक्सोलॉटल
    एक्सोलॉटल नाम का यह जीव मैक्सिको की झीलों में पाया जाता है. यह पानी के अलावा ज़मीन पर भी रह सकता है. छिपकली जैसा दिखने वाला यह जीव अपने अंगों के नष्ट हो जाने के बाद उन्हें दोबारा उगाने की असाधारण ताक़त के लिए जाना जाता है. यह देखा गया है कि अगर इस जीव का कोई अंग नहीं रहा तो हफ़्ते भर में ही यह हड्डी, नस और मांस के साथ उस अंग को फिर से उसी जगह पर उगाने में सक्षम होता है.
    वैज्ञानिकों का कहना है कि एक्सोलॉटल अपनी रीढ़ की हड्डी में लगी चोट को भी सही करने की क्षमता रखता है और अगर वो टूटी नहीं है तो ये सामान्य तरह से काम भी करता रहता है.